बिलासपुर 24.04.19 प्रदेश में 23 सालों बाद होनी वाली नियमित शिक्षकों की भर्ती मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने शासन को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते के अंदर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
दरअसल राज्य शासन ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में संविलियन से वंचित 48 हजार शिक्षाकर्मियों को 2 वर्ष की सेवा अवधि के पश्चात शिक्षा विभाग में संविलियन करने की बात कही थी। शिक्षाकर्मियों को राज्य शासन द्वारा किये गए अपने वादे के मुताबिक संविलियन करने के बजाय नियमित शिक्षकों की 14580 पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन के लिए तिथि घोषित कर दिया गया।
जैसा कि पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अपने अधिकारों से वंचित शिक्षाकर्मी न्यायालय के शरण में जा सकते हैं और वैसा ही हुआ। शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाने शिक्षाकर्मियों ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर किये थे जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने शासन से चार हफ्ते के अंदर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा पहले ही सुनवाई में शासन से जवाब मांगे जाने पर शिक्षाकर्मियों में एक आस जगा है और उन्हें विश्वास है कि माननीय उच्च न्यायालय उनके हितों की रक्षा जरूर करेगा ।
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