शिक्षकों की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से sla बना देश में रोल मॉडल ....... प्रदेश के सभी शिक्षकों को बहुत बहुत बधाई


रायपुर।  प्रदेश के  प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में इस वर्ष द्वितीय समेटिव के रूप में लिया गया sla (राज्य स्तरीय बेसलाइन ) देश में रोल मॉडल बन गया है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। 


दरअसल इस वर्ष प्रदेश के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शालाओं में वार्षिक परीक्षा हेतु बोर्ड के पैटर्न पर राज्य कार्यालय से प्रश्न पत्रों की छपाई कर पूरे प्रदेश में एक जैसे प्रश्न पत्र भेजा गया था तथा परीक्षा भी पूरे प्रदेश में एक ही टाइम टेबल के अनुसार संचालित किया गया । जिसे( sla) state level assessment का नाम दिया था। परीक्षा के उपरांत प्रश्न पत्रों का मूल्यांकन भी संकुल स्तर पर मूल्यांकन केंद्र बनाकर दूसरे संकुल के प्रश्न पत्रों का  मूल्यांकन किया गया था ।  

मूल्यांकन के साथ-साथ sla  mobile app के माध्यम से मूल्यांकन कर्ता द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी का सभी विषय के एक-एक प्रश्न का प्राप्तांक ऑनलाइन किया गया। जो विद्यार्थी sla में उपस्थित नहीं हुए थे उनका भी जानकारी app के माध्यम से ऑनलाइन किया गया। 

छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक शालाओं में लिया गया राज्य स्तरीय आकलन तथा mobile app के द्वारा किया गया प्राप्तांकों की ऑनलइन एंट्री, देश में रोल मॉडल बन चुका है। इस मॉडल और असेसमेंट को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय  ने बेस्ट प्रेक्टिसेस माना है तथा sla को आगे बेहतर चलाने के लिए अलग से आकलन प्रकोष्ठ गठित करने की हरी झंडी दे दी है, इसके लिए छत्तीसगढ़ को 41 करोड़ रूपये मिले हैं।    


इस योजना के सफलता का श्रेय प्रदेश के सभी अधिकारीयों के साथ-साथ हमारे शिक्षकों को भी मिलनी चाहिए ,जिन्होनें सुबह ,शाम कार्य करके डाटा एंट्री को समय सिमा में पूर्ण किये। हम इस न्यूज़ के माध्यम से प्रदेश का नाम देश में रोशन करने के लिए सभी शिक्षकों को बहुत -बहुत बधाई देते हैं ,यह सफला आपके ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का ही नतीजा है।    

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