बिलासपुर। प्रदेश में चल रही नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। हाईकोर्ट की डबल बैंच में सुनवाई के दौरान सरकार की और से पक्ष रखा गया ,और यह दलील दी गई कि शिक्षाकर्मी भी नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन कर सकते हैं।
जिस पर याचिका कर्ता के अधिवक्ता ने ऐतराज जताते हुए यह दलील दिया कि एक बार शिक्षक परीक्षा में चयनित होकर दोबारा शिक्षक परीक्षा दिलाकर कर शिक्षक बनने का कोई औचित्य नहीं है। याचिका कर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि नियमित शिक्षकों के पद पर चल रही भर्ती प्रक्रिया से शिक्षकों को बहुत नुकसान होगा।
याचिका कर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवा दे रहे शिक्षकर्मियों को नई भर्ती प्रक्रिया से सीनियरटी ,पदोन्नति तथा वेतनमान में बड़ा नुकसान होगा। पहले से सेवा दे रहे शिक्षकों को राहत दिए बिना ही नई भर्ती शिक्षाकर्मियों के साथ अन्याय होगा।
माननीय हाईकोर्ट में नियमित शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका से भर्ती प्रक्रिया पर निश्चित ही असर पड़ेगा ,जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता तब तक इस पर नियुक्ति नहीं हो सकता।
ऐसे में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के शासकीय स्कूलों में इस वर्ष भी शिक्षकों की कमी बनी रहेगी ,शायद यही कारण है कि शासन के द्वारा नियमित शिक्षकों की भर्ती होने तक अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था को मंजूरी दे दी गई है।
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 24.06.19 को इस संबंध में आदेश जारी कर दिनांक 30.06.19 तक अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था कर लेने को कहा गया है।
अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था से ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि कोर्ट की निर्णय आने में अभी और समय लग सकता है, जिससे नियमित शिक्षकों की भर्ती में और अधिक विलम्ब हो सकती है ,शायद यही कारण है कि सरकार को नियमित शिक्षकों की भर्ती होने तक अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था करना पड़ रहा है ,ताकि विद्यार्थियों के शिक्षण पर प्रभाव न पड़े।
राज्य स्तरीय शिक्षक एलबी व्हाट्सएप ग्रुप
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