रायपुर 01.06.19 । जब से राज्य का गठन हुआ है तब से विभिन्न सरकारों के द्वारा प्रदेश का विकास किया जाता रहा है ,विभिन्न क्षेत्रों का समीक्षा कर आवश्यक सुधार किया जाता रहा है ,परन्तु एक मुद्दा ऐसा है जो अनसुलझी पहेली बनकर रह गया है। हम बात कर रहे हैं शिक्षाकर्मियों की वेतन भत्ते का।राज्य का गठन हुए इतने वर्ष हो गया शिक्षाकर्मियों की स्थिति अब भी ज्यों का त्यों बना ही हुआ है ,अब तो ऐसा लगने लगा है जैसे यह एक ऐसी समस्या है जिसका कोई समाधान ही नहीं है।
शासन प्रशासन कहने को तो शिक्षा ,स्वास्थ्य के मुद्दों पर सतर्क नजर आते हैं ,पर उस शिक्षा रूपी नाव को खेने वाले शिक्षाकर्मियों का हालत क्या है किसी को कोई मतलब नहीं है। जब से शिक्षाकर्मियों का नियुक्ति हुआ है तब से लेकर आज तक उनके दूसरे सुविधाओं की तो बात ही छोड़ों,वेतन भत्ते भी नियमित और समय पर नहीं मिल पाता।
इसको लेकर शिक्षक पंचायत संवर्ग में अब तक का सबसे ज्यादा हताशा देखने को मिल रहा है ,शिक्षाकर्मियों का कहना है कि अब वे अपनी समस्या लेकर जाएँ तो कहाँ जाएँ।
शिक्षक पंचायत संवर्ग के वेतन भत्ते के संबंध में आये दिन अखबारों में आते ही रहता है ,शायद यही कारण है कि यह खबर अब मंत्रालय तक पहुँच चुका है,इस लिए पंचायत विभाग द्वारा 26 अप्रैल को सभी जिला पंचायत को पत्र भेजकर निर्धारित प्रपत्र में शिक्षाकर्मियों के वेतन भत्ते से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था ,परन्तु अधिकांश जिले से जो जानकारी उपलब्ध कराया गया था वह न तो निर्धारित प्रपत्र में था न ही वास्तविक गणना पर आधारित था। यही कारण है कि पंचायत विभाग के ज्वाइंट डॉयरेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी CEO को पत्र जारी किया है।
संयुक्त संचालक(वित्त ) श्री जे.पी.तिवारी ,पंचायत संचालनालय द्वारा सभी जिला पंचायत CEO को पत्र जारी कर 11.06.19 की बैठक में प्रभारी अधिकारीयों को वास्तविक गणना के साथ निर्धारित प्रपत्र में जानकारी लेकर उपस्थित होने निर्देशित करने को कहा है।
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