बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश व्यवसायिक संघ द्वारा श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम ज्ञापन /मांग पत्र प्रेषित कर मांग किया है कि व्यवसायिक शिक्षा पुराने पाठ्यक्रम (10 +2 ) स्कूल शिक्षा विभाग के शा.उ.मा. विद्यालयों में संचालित ट्रेडों में कक्षा 11 वीं के विद्यार्थियों को शिक्षा सत्र 2019 -20 में प्रवेश की अनुमति प्रदान किया जाय।
छत्तीसगढ़ प्रदेश व्यवसायिक संघ द्वारा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के नाम प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि भारत को 21 वीं सदी में पहुंचाने का संजोने वाले भूतपूर्व प्रधान मंत्री स्व.राजीव गाँधी जी ने 23 मार्च 1985 को लखनऊ विश्वविद्यालय में दिए दीक्षांत भाषण में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया की हमारे शिक्षा प्रणाली में बहुत सी खामियां है। वे चाहते थे कि शिक्षा प्रणाली में ऐसा आमूलचूल परिवर्तन किया जाये ,जिससे विद्यार्थी न सिर्फ ज्ञानवान बने बल्कि हुनरबाज भी बने।
इसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु नई शिक्षा निति 1986 का गठन किया गया ,जिसे कोठरी आयोग का नाम दिया गया। इस आयोग की मान्यता यह थी कि कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों में से 50 % को विभिन्न व्यवसायों की शिक्षा दिया जाये ,जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकें तथा विश्वविद्यालयों में लगने वाले भड़ को कम किया जा सके।
कोठरी आयोग के अनुशंसा के आधार पर विभन्न राज्यों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम चुने गए शासकीय विद्यालयों प्रारम्भ किया गया था। छत्तीसगढ़ में 106 विद्यालयों में यह संचालित है।
सचिव छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा 14.06 .19 को प्रवेश संबंधी निर्देश जारी किया गया है जिसमे कहा गया है कि हायर सेकेंडरी व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं लिया जाये , व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पृथक आदेश जारी किये जायेंगे।
शिक्षा सत्र 2019-20 में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गया है और विद्यार्थियों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा ने प्रवेश नहीं मिलने पर अगले सत्र से यह पाठ्यक्रम पूरी तरह बंद हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश व्यवसायिक संघ के प्रांताध्यक्ष श्री राजेश पाठक से जब इस विषय पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा शासन को चाहिए कि पुराने व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम जो प्रदेश में 29 वर्षों से संचालित है उसे बंद न कर रोजगारोन्मुख बनाने हेतु और प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने शासन से मांग करते हुए कहा कि इस हेतु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक व्यवसायिक शिक्षा खंड की स्थापना की जनि चाहिए तथा व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित विद्यालय में प्रत्येक ट्रेड में न्यूनतम 15-20 विद्यार्थियों को संख्या के आधार पर प्रवेश देने निर्देशित किया जाना चाहिए ,ताकि इस योजना को बंद होने से बचाया जा सके, जिससे इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों की हितो की रक्षा हो सके। इसके लिए लोकशिक्षण संचालनालय से सार्थक पहल की आवश्यकता है।
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