खबर NPS ;शेयर बाजार में गिरावट nps धारकों के लिए बना चिंता का सबब ......पुरानी पेंशन बहाली की मांग पुनः जोर पकड़ने लगा


रायपुर- भारतीय शेयर बाजार में चल रहे गिरावट के बारे में तो आपने सुना ही होगा ,इसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजार में गिरावट और कोरोना वायरस को माना जा रहा है। कोरोना का कहर जारी है और इसका असर शेयर मार्किट पर भी पड़ रहा है। हजारो करोड़ रूपये डूब चूका है ।कोरोना वायरस के कारण लोग भयभीत तो हैं ही ,इसके साथ -साथ भारतीय शेयर बाजार में चल रही गिरावट लोगों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।


शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले बहुत ज्यादा डरे हुए हैं ,इनके साथ -साथ देश के ऐसे अधिकारी और कर्मचारी वर्ग भी इस गिरावट से भयभीत हैं ,जिनका NPS के तहत राशि कटौती होती है।



2004 में तत्कालीन भारत सरकार द्वारा पुरानी पेंशन प्रणाली को समाप्त कर दिया गया तथा 2004 के बाद की नियुक्ति में पुरानी पेंशन के स्थान पर नई पेंशन स्किम शुरू किया गया ,यह नई पेंशन स्किम पूर्णतः शेयर बाजार पर आधारित है। NPS लागू होने के बाद से ही पुरे देश में विरोध शुरू हो गया ,क्योंकि की यह पेंशन स्किम कर्मचारियों के नजरिये से फायदेमंद नहीं है। 

NPS क्या है -

 केंद्र सरकार द्वारा 2004 के बाद वाले नियुक्ति में पुरानी पेंशन को समाप्त करते हुए नई पेंशन स्किम शुरू किया गया। नई पेंशन स्किम NPS(NATIONAL PENSION SCHEME ) ,भारत शासन द्वारा भारत के नागरिकों के वृद्धावस्था में सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू  किया गया है।NPS एक पेंशन सह निवेश योजना है।   

NPS का विरोध क्यों?

NPS के लागू होते ही इसका विरोध शुरू हो गया था जो कि लगातार जारी है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संगठन भी बन चुके हैं जो NPS के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत हैं। NPS के विरोध का मुख्य कारण है ,NPS का शेयर बाजार पर आधारित होना। NPS पूर्णतः बाजार आधारित स्किम है जो कि कर्मचारियों के  सही नहीं है। पुरानी पेंशन से कर्मचारियों को जो लाभ मिल पाता था ,नई पेंशन स्किम बाजार पर निर्भर है। 

वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ी गिरावट चल रहा है ,चूँकि NPS बाजार आधारित स्किम है ,इस लिए कर्मचारियों के लिए यह चिंता का सबब बना हुआ है। NPS धारकों का कहना है कि वे अपने वेतन से राशि कटौती कर बुढ़ापे के सुरक्षा के लिए जमा करते जा रहे हैं ,पर इस पेंशन स्किम से रिटायरमेंट के बाद कितना राशि मिलना है फिक्स नहीं है ,यह उस समय के बाजार पर निर्भर करेगा।



कर्मचारियों ने ये कहा - 

साथियों हम सब NPS का विरोध क्यों करते हैं इसका ताजा उदाहरण आप अपने NPS अकाउंट को चेक करके देख सकते हैं। आज जो आपका पैसा शेयर बाजार में लगा है और शेयर बाजार दिनों दिन गिरता जा रहा है, इससे आपके जमा-पूंजी पर प्रत्यक्ष रूप से असर पड़ा है। 

यकीन न हो तो आप अपने npsअकांउट चेक कर सकते हैं,यह व्यवस्था ही शेयर बाजार के जोखिम आधारित व्यवस्था है,इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए,अभी रायपुर में NPS के विरोध में प्रदर्शन सही रैली आयोजित था उसमें बहुत कम लोग पहुंचे थे,शायद वे इसके नफा-नुकसान से अनभिज्ञ थे या अभी भी है,अब आप स्वयं इसका प्रमाण देख सकते हैं, समझ सकते हैं। 

पुरानी पेंशन क्यों जरूरी है -

पुरानी पेशन प्रणाली में कर्मचारियों के लिए ऐसा प्रावधान किया गया था ,जिसमें कोई भी कर्मचारी रिटायरमेन्ट के के बाद अपने तथा अपने परिवार के भविष्य को लेकर निश्चिन्त थे। नई पेशन प्रणाली बाजार जोखिमों के अधीन है, इस लिए इसको लेकर कोई भी कर्मचारी आश्वस्त नहीं हो सकता कि रिटायरमेंट में उन्हें कितनी राशि मिलेगी। 


NPS धारकों के मुताबिक रिटायरमेंट के समय शेयर मार्किट में गिरावट उनके सपनों को चकनाचूर कर सकता है।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष में आई कमी  -

 पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए संघर्ष जोर पकड़ चूका था। पुरानी पेंशन प्रणाली के बहाली को लेकर विभिन्न राज्यों अधिकारी /कर्मचारी संघों द्वारा रणनीति तैयार किया जा रहा था ,परन्तु कोरोना वायरस के कारण लागु लॉक डाउन ने पूरी योजनाओं पर पानी फेर दिया। 

मांग पूरी होने तक जारी रहेगा संघर्ष -

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर लम्बे समय से संघर्षरत विभिन्न अधिकारी /कर्मचारी संघों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा। देश के अधिकांश राज्यों में लॉक डाउन खोल दिया गया है ,अब पुनः एक नई ऊर्जा के साथ मांग को प्रबल किया जायेगा। 


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