रायपुर - " बुरे का अंत बुरा ही होता है " वाला कहावत तो आपने सुना ही होगा ,यह कहावत फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर शासन को राज्य गठन से अब तक करोड़ों रूपये का चुना लगा चुके शासकीय सेवकों पर भी लागु होता है , क्योंकि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों का सेवा समाप्त होने जा रहा है | जी हाँ ! अब फर्जी प्रमाण पत्र धारी शासकीय सेवकों का सेवा समाप्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है |
छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ,महानदी भवन ,नवा रायपुर दिनांक -15/11/2020 को जारी पत्र को दिनांक 03.12.2020 को अपर सचिव , प्रमुख सचिव ,सचिव ,विशेष सचिव ( स्वतंत्र प्रभार ) ,छत्तीसगढ़ शासन ,समस्त विभाग मंत्रालय,महानदी भवन ,नवा रायपुर ,अटल नगर को पुनः जारी किया गया है |
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा राज्य गठन से लेकर 2020 तक कुल 758 फर्जी प्रमाण पत्र धारकों से सम्बन्धित प्रकरणों पर जांच किया गया है , जिसमे शासन के विभिन्न विभागों के साथ -साथ जनप्रतिनिधि से सम्बन्धित प्रकरण भी शामिल थे | कुल 758 प्रकरणों में से 659 प्रकरणों जाँच के उपरांत निराकरण किया है ,जिसमे 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है |
छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ,महानदी भवन ,नवा रायपुर द्वारा उक्त सभी फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारी शासकीय सेवकों , जन प्रतिनिधियों को बर्खास्त करने के लिए सम्बन्धित विभाग को सूची भेजा गया है | आपको जानकर हैरानी होगी कि विगत 2 वर्ष में 75 प्रकरण फर्जी /गलत पाया गया है ,जिसमें माननीय उच्च न्यायालय से स्थान आदेश के प्राप्त है |
माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्रदत्त होने के कारण अभी भी कई अधिकारी /कर्मचारी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं ,ऐसे प्रकरणों में सम्बन्धित विभाग को महाधिवक्ता ,छत्तीसगढ़ के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किये जाने को कहा गया है | यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी जिनका माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्रस्ताव नही प्राप्त हुआ है ,उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त करने को कहा गया है |
सबसे ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति का -
छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ,महानदी भवन ,नवा रायपुर द्वारा विभाग वार फर्जी प्रमाण पत्र धारी शासकीय सेवकों का जो सूची जारी किया गया है ,उसमे सबसे अधिक प्रकरण अनुसूचित जनजाति का है ,उसके बाद अनुसूचित जाति तथा सबसे कम प्रकरण पिछला वर्ग से जुड़ा हुआ है |
विभागवार संख्या हैरान कर देने वाली -
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा फर्जी /गलत प्रमाण पत्र से जुड़ी प्रकरणों की जो संख्या/ सूची जारी किया गया है ,वह हैरान कर देने वाली है ,जिसमे कर्मचारी से लेकर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे अधिकारी भी शामिल है |
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा राज्य गठन से लेकर 2020 तक कुल 758 फर्जी प्रमाण पत्र धारकों से सम्बन्धित प्रकरणों पर जांच किया गया है ,जिसमे शासन के विभिन्न विभागों के साथ -साथ जनप्रतिनिधि से सम्बन्धित प्रकरण भी शामिल थे | कुल 758 प्रकरणों में से 659 प्रकरणों जाँच के उपरांत निराकरण किया है ,जिसमे 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है |
माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश -
फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बहुत से प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायलय द्वारा स्थगन आदेश प्रदत्त है , परन्तु राज्य शासन द्वारा सम्बन्धित विभाग को ऐसे प्रकरणों में महाधिवक्ता ,छत्तीसगढ़ के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किये जाने को कहा गया है |
राज्य शासन द्वारा सम्बन्धित विभाग को महाधिवक्ता ,छत्तीसगढ़ के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किये जाने सम्बन्धी आदेश से स्पष्ट है कि राज्य शासन फर्जी प्रमाण पत्र धारकों को किसी भी स्थिति में सेवा से बर्खास्त करना चाहती है |
विभाग का नाम जिसमे फर्जी प्रमाण पत्र पाया गया है-
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र धारी शासकीय सेवकों का जो सूची जारी किया गया है ,उसके अनुसार शायद ही कोई विभाग अछूता है।
स्कूल शिक्षा विभाग ,मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ,आवास एवं पर्यावरण अधिकारी ,महाधिवक्ता कार्यालय बिलासपुर ,सामान्य प्रशासन विभाग ,आदिम जाति तथा अनु . जाति विकास विभाग ,राजस्व विभाग ,लोक स्वास्थ्य , परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ,महिला एवं बाल विकास विभाग ,जल संसाधन विभाग ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ,वाणिज्यिक कर विभाग ,गृह विभाग ,ग्रामोद्योग विभाग ,ऊर्जा विभाग ,वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ,तकनीकी शिक्षा विभाग ,उच्च शिक्षा विभाग ,कृषि विभाग ,नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ,वन विभाग ,लोक निर्माण विभाग ,योजना ,आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ,पशुधन एवं मछली पालन विभाग ,खेल एवं युवा कल्याण विभाग ,,बैंक आदि |
इसके अलावा एल आई सी ,केन्द्रीय विद्यालय ,दूरदर्शन , कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में उच्च स्तरीय प्रमाणीकारण समिति द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करते पाया गया है |
आरक्षित वर्ग के योग्य व्यक्ति का क्या -
शासन द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले अधिकारी /कर्मचारी का बर्खास्तगी हेतु जो आदेश जारी किया गया है ,उसके आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों के कारण योग्य व्यक्ति नियुक्ति से वंचित रह गये होंगे |
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शासन द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र धारकों को बर्खास्त किया जा रहा है ,परन्तु फर्जी प्रमाण पत्र धारकों के कारण जो योग्य व्यक्ति सेवा में आने से वंचित रह गये थे ,उनका क्या होगा ? फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों के कारण योग्य व्यक्ति का भविष्य न जाने कैसा होगा |
राज्य शासन द्वारा जिस प्रकार उक्त मामले में पूरी तैयारी के साथ घेराबन्दी की जा रही है ,इससे तय है कि फर्जी प्रमाण पत्र वाले शासकीय सेवकों का बचना नामुमकिन है।
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