रायपुर - प्रदेश में पिछले 11 महीने से बंद स्कूलों को कल 15 फरवरी 2021 को ही खोला गया है | प्रदेश सरकार द्वारा 13 फरवरी को हुए केबिनेट की बैठक में कक्षा 9 से 12 तक के कक्षाओं और कॉलेज को खोलने का निर्णय लिया गया था ,जिस पर छत्तीसगढ़ छात्र- पालक संघ ने आपत्ति दर्ज करते हुए हाई कोर्ट में स्कूल खोलने के खिलाफ याचिका दायर की है |
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भिलाई निवासी छत्तीसगढ़ छात्र -पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान ने हाई कोर्स बिलासपुर में याचिका दायर की है और सरकार के शाला खोलने के फैसले को चुनौती दी है | याचिका में कहा गया है अभी प्रदेश में कोरोना के नये-नये मामले सामने आ रहे हैं | प्रदेश में अभी कोरोना खत्म नही हुआ है ,इस लिए अभी स्कूल नही खुलना चाहिए |
उन्होंने कहा है कि चूँकि अभी प्रदेश में कोरोना खत्म नही हुआ है और ऐसे में यदि स्कूल खोले जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग तो टूटेगा ही साथ ही कोरोना का खतरा और बढ़ जायेगा।
छत्तीसगढ़ में राज्य शासन के फैसले के आधार पर कल ही कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूल ,कालेज खोले गए है और कल ही छत्तीसगढ़ छात्र -पालक संघ द्वारा सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
छत्तीसगढ़ छात्र -पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान ने अपने वकील के माध्यम से तर्क देते हुए कहा है कि वैक्सीनेशन भी अभी हेल्थवर्कर्स को लग रहा है ,इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगाया जायेगा तब जाकर कहीं विद्यार्थियों की बारी आएगी। उन्होंने कहा है कि जब तक वैक्सीनेशन को लेकर स्थिति साफ़ नहीं हो जाती तब तक शासन को इतनी हड़बड़ी में स्कूल नहीं खोलना चाहिए।
आज हो सकती है सुनवाई -
छत्तीसगढ़ छात्र-पालक संघ द्वारा स्कूल खोलने के खिलाफ दायर याचिका में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हो सकता है ,अब देखना यह होगा कि कोर्ट का इस पर क्या निर्णय आता है। कोर्ट के निर्णय के आधार पर पुनः स्कूल का संचालन बंद हो सकता है।
शिक्षक संगठन भी वैक्सीनेशन की कर रहे हैं मांग -
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने केबिनेट द्वारा स्कूल खोलने के निर्णय का स्वागत किया है , साथ ही संघ ने सरकार से मांग किया है कि पहले शिक्षकों को वैक्सीन लगाया जाना चाहिए,उसके बाद ही स्कूल खोला जाना चाहिए। शिक्षक संगठन के मुताबिक मास्क और सेनेटाइजर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रयाप्त नहीं है ,शिक्षकों कोरोना टिका लगने के बाद ही स्कूल खोला जाना चाहिए।
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