जशपुर जिले में शिक्षा विभाग का एक अनोखा मामला सामने आया है ,जहाँ जशपुर विकास खंड हाई स्कूल भुड़केला में प्राचार्य के रहते बिना किसी शासकीय आदेश के शिक्षक पिछले पांच सालों से प्राचार्य का दायित्व सम्भाल रहा है | मामला तब प्रकाश में आया जब नवीन संकुल व्यवस्था के तहत प्राचार्यों को संकुल प्रभारी बनाया जा रहा है।
मजेदार बात यह है कि हाई स्कूल भुड़केला का असली प्राचार्य भी उसी संस्था में है और प्राचार्य की कुर्सी पर नहीं बैठकर स्टाफ रूम में शिक्षकों से साथ बैठता है ,जबकि बिना शासकीय आदेश के संस्था का कनिष्ट शिक्षक प्राचार्य के कुर्सी पर बैठता है और सभी डाक्यूमेंट में खुद हस्ताक्षर करता है ,यहाँ तक कि कोई भी विभागीय जानकारी उन्ही के हस्ताक्षर से उच्च कार्यालय को भेजा जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाई स्कूल भुड़केला में इससे पहले प्राचार्य मेरी अंजना थीं ,परन्तु उन्होंने प्राचार्य पद के निर्वहन के लिए असमर्थता जताते हुए लिखित में आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त के पास अर्जी दी थी ,जिसे सहायक आयुक्त द्वारा स्वीकार करते हुए संस्था में वरिष्ठ शिक्षक कृष्णा राम को 1 जनवरी 2014 को प्रभार सौपा था।
इस प्रकार शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार अब तक कृष्णा राम ही प्रभारी प्राचार्य है | 2015 में इस शाला में संजय दास की नियुक्ति हुई नियुक्ति के कुछ महीने बाद ही संजय दास बिना किसी विभागीय आदेश के प्राचार्य बन गया तब से लेकर आज तक संजय दास ही प्राचार्य का पद सम्भाल रहा है | कृष्णा राम अन्य शिक्षकों के साथ स्टॉफ रूम में बैठता है और संजय दास प्राचार्य की कुर्सी पर बैठता है |
ऐसे हुआ मामले का खुलासा -
शासन द्वारा पहले पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक को संकुल बनाया गया था ,परन्तु नवीन संकुल व्यवस्था के तहत हाई /हायर सेकेंडरी प्राचार्य को संकुल प्रभारी बनाया जा रहा है ,जिले भर में संकुल समन्यकों की नियुक्ति किया जाना है जिसके लिए प्राचार्यों की सूची जारी किया गया है ,सूची में संकुल समन्वयक के नियुक्ति के लिए कृष्णा राम का नाम दिया गया है ,जबकि वह संस्था में शिक्षक के रूप में कार्य कर रहा है |
सूची में संजय दास का नाम नही आने से वह डीईओ कार्यालय जाकर बताया कि हाई स्कूल भुड़केला का प्राचार्य वह स्वयं है , इस पर डीईओ ने सूची में कृष्णा राम के स्थान पर संजय दास का नाम सुधार करने मौखिक आदेश दिए थे |
बीईओ ने 2019 में वरिष्ठ शिक्षक को प्रभार सौपने को कहा था फिर भी नही माना -
सन 2019 में तत्कालीन बीईओ द्वारा हाई स्कूल भुड़केला का दौरा किया गया तब पता चला कि वरिष्ठ शिक्षक के होते हुए शाला का जूनियर शिक्षक प्राचार्य का पद संभाल रहा है तब उन्होंने आदेश जारी कर संजय दास से वरिष्ठ शिक्षक अरुण कुमार भगत को प्रभार सौपने का आदेश दिया था ,परन्तु संजय दास बीईओ के आदेश को माना और प्राचार्य के पद पर बना रहा।
सभी दस्तावेजों में संजय दास का हस्ताक्षर -
जानकारी के अनुसार बिना किसी विभागीय आदेश के प्राचार्य बने संजय दास सभी सरकारी दस्तावेजों में स्वयं हस्ताक्षर करता है , वहीँ विभाग द्वारा कोई भी आदेश जारी होता है ,उसमें धीरे -धीरे संजय दास का नाम आया गया है और सभी विभागीय आदेश संजय दास के नाम से ही जारी होता है | पिछले पांच सालों से विद्यार्थियों की अंकसूची पर संजय दास का ही हस्ताक्षर है |
पहले भी हो चुकी है विभागीय कार्यवाही -
सूत्रों की माने तो पहले भी संजय दास पर विभागीय कार्यवाही हो चुकी है ,उस वक्त ये डाईट में था ,उस समय गम्भीर आरोप लगे थे ,इस मामले के सामने आने के बाद विभाग ने जाँच शुरू कर दी है और संजय दास से प्राचार्य के प्रभार सम्बन्धी विभाग का आदेश की मांग किया गया है ,क्योंकि आपसी सहमती किसी पद के लिए वैध नही माना जा सकता |इसके अतिरिक्त नियुक्ति से सम्बन्धी दस्तावेज की मांग भी जांच समिति द्वारा की गई है |
संजय दास ( सहमति के आधार पर बना प्राचार्य ) -
" भुड़केला के प्राचार्य कृष्णा राम द्वारा 2015 में मुझे लिखित में सहमति पत्र दिया था और मुझे अपना दायित्व सौंपा था ,प्राचार्य पद के दायित्व के लिए मेरे पास विभाग का कोई लिखित आदेश नही है |"
कृष्णा राम (प्राचार्य हाई स्कूल भुड़केला )-
" 2014 तक प्राचार्य का दायित्व मेरे ही जिम्में में था ,सभी दस्तावेजों में मेरा ही हस्ताक्षर होता था , जब संजय दास शाला में आये तो खुद सारा पूरा कम सम्भालना शुरू कर दिया और धीरे -धीरे प्राचार्य का दायित्व निभाने लगा | प्राचार्य का कुर्सी देने सम्बन्धी कोई लिखित सहमति मैंने नही दी है |"
बीइओ जशपुर -
" मामला सामने आने के बाद जाँच का जिम्मा बीआरसी जशपुर को दिया है ,अब तक जाँच रिपोर्ट नही आई है ,जैसे ही जाँच रिपोर्ट आती है ,उस आधार पर उच्च अधिकारियों के समझा प्रतिवेदन पेश किया जायेगा |"
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