कोरोना से मृत्यु होने पर 4 लाख की सहायता राशि प्रावधान वाले वायरल खबर का क्या है सच्च

 कोरोना से मृत्यु हो जाने पर राज्य आपदा मोचक निधि /राष्ट्रिय आपदा मोचक निधि से 4 लाख की सहायता हेतु आवेदन करने का एक पीडीऍफ़ फॉर्मेट व्हाट्सप्प ग्रुप में बहुत तेजी से वायरल हो रहा है | लोग इस पीडीऍफ़ फॉर्मेट को पढ़कर मुआवजा राशि के लिए चक्कर भी लगा रहे हैं ,परन्तु निराशा ही हाथ लग रहा है। 

कोरोना महामारी में लाखों ,करोड़ो परिवार ऐसे हैं जो अपने परिवार के किसी न किसी सदस्य को खो चुके हैं, कई परिवार ऐसे हैं जिसके परिवार में एक ही कमाऊ सदस्य थे ,जिनकी मौत कोरोना से हो गई है , ऐसे में चार लाख की सहायता राशि की बात सुनकर उनको लगता है , कि कुछ हद तक उनकी मदद हो जाएगी,परन्तु  इस योजना लाभ अब तक किसी को नहीं मिला है। 

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस योजना का लाभ लोगों को क्यों नहीं मिल पा रहा है  ,साथ ही उस समाचार पत्र का कटिंग भी उपलब्ध कराएंगे ,जिसमे बताया गया है कि क्यों इस योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। 

उससे पहले यह जानना जरुरी कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने क्यों कहा डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण कोरोना क्यों नहीं लिखा जा रहा है ? क्योंकि हो सकता है ,इसका भी सम्बन्ध मुआवजा राशि से हो |

माननीय सर्वोच्च न्यायालय : डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना क्यों नहीं लिख रहे -

👉वायरल आवेदन फॉर्मेट का पीडीऍफ़ यहाँ देखें 👈

सोमवार को एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा है  कि जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई है ,उनके डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना क्यों नहीं लिखा जा रहा है ? अगर सरकार इनके लिए कोई स्किम चलाती है तो मरने वालों के परिवार को उसका लाभ कैसे मिलेगा। 

कोरोना को किया गया है ,महामारी घोषित -

जैसाकि आप सभी को पता है WHO ने 11 मार्च को कोरोना को महामारी घोषित किया था , देश में कोरोना का केस मिलने पर भारत सरकार ने विदेश यात्रा पर रोक लगाते हुए जनता कर्फ्यू लगा दिया और डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट के तहत कोरोना को राष्ट्रिय आपदा घोषित कर दिया |

आपदा मोचक निधि क्या है -

आपदा अधिनियम 2005 के अनुसार राष्ट्रिय आपदा घोषित होने पर ऐसी स्थिति में एनडीआरएफ को मदद के लिए भेजा जाता है |आपदा राहत कोष के जरिये मदद 75% केंद्र तथा 25% राज्य करती है |जरूरत पड़ने पर केंद्र 100%फंडिंग वाले 'राष्ट्रिय आकस्मिक आपदा फंड ' से अतिरिक्त सहायता दी जाती है |

राष्ट्रिय आपदा मोचक निधि / राज्य आपदा मोचक निधि के अंतर्गत आपदा के कारण मृत्यु होने की दशा में मृतक परिवार को 4 ,00,000/- सहायता राशि देने का प्रावधान एम.एच.ए.पत्र क्रमांक 32-7/14एन.डी.एम.-1 दिनांक 18 2015 के क्रम संख्या 1 ( क) में उल्लेखित है |

कोरोना से मृत्यु होने पर क्यों नहीं मिलेगा 4 लाख की सहायता राशि -

दरअसल माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है ,जिसमे मांग की गई है कि कोरोना को महमारो घोषित किया गया है। जिन लोगों की मौत कोरोना से हुई है उनके परिवार वालों को 4 लाख की सहायता राशि दिया जाना चाहिए। भारत सरकार द्वारा 2015 में एक योजना शुरू की थी ,जिसमे कहा गया था कि किसी नोटिफाइड बीमारी या आपदा से किसी मौत हो जाती है तो उसके परिवार वालों को 4 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। 

हरिभूमि समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार इस योजना का मियाद पिछले साल ख़त्म हो चुकी है ,इस लिए जो लोग कोरोना से मृत्यु पर 4 लाख की सहायता राशि के लिए क्लेम कर रहे हैं ,उन्हें इसका लाभ नही मिल पा रहा है | 


मुआवजा राशि का लाभ नहीं मिलने का कारण कहीं ये भी तो नहीं  -

सोमवार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना से मृत्यु क्यों नही लिखा जा रहा है | सहायता राशि के लिए क्लेम करने पर इसका लाभ नही मिलने का कारण यह भी हो सकता है ,क्योंकि डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण कोरोना नही लिखा जा रहा है ,जिससे क्लेम का कोई आधार ही नही बनता |

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