कोरोना काल में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कोरोना जांच से लेकर अंतर राज्यीय सीमा पर ड्यूटी करने तथा कोरोना के रोकथाम में राज्य शासन के अहम कड़ी के रूप में कार्य करने के साथ -साथ नवाचारी माध्यम से बच्चों का पढ़ाई जारी रखने के कारण छत्तीसगढ़ का मान पुरे देश में बढ़ाने वाले प्रदेश के शिक्षकों ने एक ऐसा मिशल पेश किये हैं ,जोकि पुरे देश के लिए किसी प्रेरणा से कम नही है |
खबर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से है ,जहाँ शिक्षा विभाग सूरजपुर की ओर से सहयोग राशि के रूप में 27 लाख 61 हजार रूपये एकत्रित किया गया है और स्वास्थ्य विभाग को एक सर्वसुविधायुक्त एम्बुलेंस क्रय कर दान किया गया है | प्रदेश में किसी शासकीय विभाग द्वारा किया गया ,यह अब तक का सबसे बड़ा दान है |
प्रदेश के अगल -अलग जिलों से अधिकारीयों द्वारा शिक्षकों को मुफ्त का वेतन खाने वाले , हरामखोर तथा अन्य तरह से प्रताड़ित करने की खबरें तो आपने पढ़ा ही होगा ,परन्तु शायद वे भूल चुके हैं कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के बाद अगर किसी ने कोरोना से निपटने में राज्य शासन के अहम कड़ी के रूप में कार्य किये हैं वो हैं शिक्षक ,इन सब के बीच शिक्षा विभाग सूरजपुर द्वारा किया गया यह कार्य वाकई में काबिले तारीफ है |
शिक्षकों ने किया एम्बुलेंस दान -
सूरजपुर जिले के शिक्षकों ने कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग सूरजपुर की ओर से 27 लाख 61 हजार रूपये दान हेतु एकत्रित किये हैं ,इस राशि से एक सर्वसुविधायुक्त एम्बुलेंस क्रय किया गया है ,जिसे स्वास्थ्य विभाग को सौप दिया गया है |
सर्व संघ के सहयोग तथा कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन -
छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सचिन त्रिपाठी के अनुसार जिला सूरजपुर के सर्व संघ के सहयोग तथा कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में अपने जिले के चिकित्सकीय सुविधाओं को बढाने के लिए शिक्षकों ने स्वेच्छा 500-500 रूपये का सहयोग राशि दान किये थे | इस प्रकार कुल 27 लाख 61 हजार रूपये दान हेतु एकत्रित हुआ था | उक्त राशि से एक एम्बुलेंस क्रय किया गया है ,जिसे दिनांक 29/07/2021 को सर्व संगठन प्रमुखों पदाधिकारियो तथा जिला प्रशासन की उपस्थिति में शाम 4:00बजे स्वास्थ्य विभाग को सौंपे जाने की बात कही गई थी ,जिसे स्वास्थ्य विभाग को सौप दिया गया है ।
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मुख्यमंत्री राहत कोष में लाखों शिक्षकों ने किया है दान -
वहीं कोरोना काल में गरीब ,मजदूरों का मदद करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने के एक अपील पर प्रदेश क लाखों शिक्षकों ने व्यक्तिगत दान के साथ -साथ अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किये थे |
कोरोना काल में पढ़ाई अनवरत जारी रखने के छत्तीसगढ़ को मिल चूका है पुरस्कार -
कोरोना से निपटने में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यदि किसी विभाग ने मैदानी स्तर पर कार्य किया है तो वह है शिक्षा विभाग | ऐसा भी नही है कि किसी अन्य विभाग ने कोरोना महामारी से निपटने में कोई कार्य नही किये हैं ,परन्तु शिक्षकों ने कोरोना जांच ,कोरोना सर्वे , वैक्सीनेशन , कोरेंटाइन सेंटर्स ,प्रवासी मजदूरों को कोरेंटाइन सेंटर्स तक लाने जैसे कोर्यों में पूरी ईमानदारी के साथ ड्यूटी किये हैं | इसके साथ -साथ कोरोना जैसे विषम परिस्थिति में बच्चों को पढ़ाई रखने के कारण छत्तीसगढ़ को विशेष पहचान दिलाये हैं |
2 Comments
सराहनीय कार्य...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ऐसा ही सभी जिलों के शिक्षकों को करना चाहिए
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