पुरानी पेंशन के समर्थन में माननीय प्रधानमंत्री को सपा विधायक का लाजवाब पत्र......खुद का पेंशन ठुकराया

 पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे NPS कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि पुरानी पेंशन की मांग में अब जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन मिलने लगा है | इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुरानी पेंशन की मांग किस स्तर तक पहुँच चूका है | पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों को समय -समय पर विधायकों ,सांसदों का समर्थन मिलते रहता है | जोकि विधान सभा तथा संसद में पुरानी पेंशन बहाली की मांग भी करते हैं |

आज हम आपको पुरानी पेंशन के समर्थन में एक ऐसे ही जनप्रतिनिधि द्वारा माननीय प्रधानमंत्री को लिखे गये पत्र के बारे में बताने जा रहे हैं ,जोकि किसी जनप्रतिनिधि द्वारा पुरानी पेशन के समर्थन में लिखे गये अब तक का सबसे लाजवाब पत्र है |

हालाँकि यह पत्र एक माह पूर्व अर्थात जुलाई 2021 का है ,परन्तु इस पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जो तर्क दिया गया है ,उसे पढ़कर आप भी जरुर कहेंगे कि वाह! जन प्रतिनिधि हो तो ऐसा | पुरानी पेंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए सफलता का पहला कदम आप इसे मान सकते हैं कि पहली बार सरकार ने माना है कि कर्मचारियों के लिए वर्तमान में जो NPS लागू है ,वह पर्याप्त नही है |

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NPS कर्मचारी संगठनों के दबाव के कारण ही NPS और  PFRDA ने NPS के नियमों में व्यापक संशोधन करने का फैसला लिया है ,जिसके अनुसार अब NPS पेंशनभोगी अपने फंड से 5 लाख रूपये तक निकाल सकेगा तथा किसी ऐसे स्थान पर इन्वेस्ट कर सकेगा जहाँ उसे बेहतर रिटर्न्स मिलने की उम्मीद हो | वर्तमान में NPS पेंशन भोगी अपने अकाउंट से 2 लाख रूपये तक ही निकाल सकते हैं |

वर्तमान में ये है नियम -

वर्तमान नियम के अनुसार कोई भी पेंशनधारी अपने पेंशन फण्ड से अधिकतम 60 राशि ही निकाल सकता है , जो दो लाख रूपये से अधिक नही हो सकती ,इसके अतिरिक्त 40 प्रतिशत राशि NPS में ही रखनी पड़ती है | इस 40 प्रतिशत राशि को सरकार अपने हिसाब से इन्वेस्ट करती है और खाताधारक को पेंशन देती है |

NPS में बदलाव का कारण -

सरकार बदलते वक्त कर साथ NPS धारकों के पारिवारिक जरूरतें पूरी करने में मदद करना चाहती है | सरकार जानती है कि वर्तमान में NPS के तहत कर्मचारियों को जो पेंशन मिल रही है ,वह पर्याप्त नही है , क्योंकि कर्मचारी संगठनों द्वारा भी लगातार पुरानी पेंशन की मांग की जा रही है | 


पुरानी पेंशन का समर्थन करने वाले विधायक का परिचय -

पुरानी पेशन बहाली के समर्थन में माननीय प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है ,उस जनप्रतिनिधि का नाम है श्री नरेन्द्र सिंह वर्मा जोकि उत्तर प्रदेश के महमूदाबाद से समाजवादी पार्टी के विधायक है , इन्होने कर्मचारियों के पुरानी पेंशन के समर्थन में लिखा है कि जब तक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल नही की जाती तब तक मै विधायक या किसी अन्य रूप से धारित किये गये संवैधानिक पद जिसमें पेंशन मिलती हो का सहर्ष त्याग करता हूँ |

पुरानी पेंशन के समर्थन में विधायक ने पेंशन लेने से किया इंकार -

सपा विधायक ने प्रधान मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जनप्रतिनिधियों को पुरानी पेंशन और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेशन लागू नही करने के सम्बन्ध में कर्मचारियों द्वारा सवाल किया जाता है तो हमारे पास कोई जवाब नही होता | उन्होंने आगे लिखा है कि अतः आपसे निवेदन है कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की क्रांतिकारी फैसला लें या जनप्रतिनिधियों और माननीय न्यायमूर्तियों को नई पेंशन की परिधि में लाने कष्ट करें |

उन्होंने लिखा है कि जब तक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल नही की जाती तब तक मुझे विधायक या किसी अन्य रूप से धारित किये गये संवैधानिक पद जिसमें पेंशन मिलती हो सहर्ष त्याग करता हूँ |


किसी जनप्रतिनिधि द्वारा पुरानी पेंशन के समर्थन लिखा गया अब तक लाजवाब पत्र -

विधायक द्वारा माननीय प्रधान मंत्री को एक दृष्टान्त के माध्यम से अपने बातों प्रभावी तरीके से रखते हुए लिखा है कि पूज्य महात्मा गाँधी जी से जुड़े एक दृष्टान्त के माध्यम से आपसे कुछ विनम्र निवेदन करना चाहता हूँ |एक बार एक महिला ने बापू से अनुरोध किया कि उसका पुत्र बहुत गुड़ खाता है |यदि आप उसे गुड़ खाने से मना कर दें तो वो आपकी बात मान सकता है | बापू ने उस महिला को दस दिन बाद आने को कहा |दस दिन बाद जब वो महिला आई तो बापू ने उसे कहा बेटा ज्यादा गुड़ खाना अच्छा नही होता तुम गुड़ मत खाया करो |

महिला ने आश्चर्यचकित होकर कहा कि बापू ये बात तो आप पहले भी कह सकते थे |बापू ने कहा दस दिन पहले मैं भी बहुत गुड़ खाता था |बच्चे को मना करने का अधिकारी नही था ,लिहाजा इन दस दिनों में मैंने भी गुड़ खाना छोड़ दिया इस लिए अब इस बच्चे से कह सकता हूँ |


सहीं मायनों में जनप्रतिनिधि -

विधायक के इस पत्र के आधार पर कहा जा सकता है कि सपा विधायक श्री नरेन्द्र सिंह वर्मा सहीं मायनों में एक जनप्रतिनिधि होने के साथ -साथ कर्मचारी हितैषी हैं | अब तक शायद ही किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कर्मचारियों के समर्थन में ऐसा कदम उठा हो |

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