संकुल समन्वयकों का सामूहिक इस्तीफा

रायपुर - विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक के अपने मूल शाला में प्रतिदिन 3 काल खंड अध्यापन ,शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर के आदेश से नाराज संकुल समन्वयकों ने सामूहिक रूप से त्याग पत्र दे दिए है। इससे विभाग में हडकम्प मच गया है |


मामला धमतरी जिले का है ,जहां विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक धमतरी द्वारा दिनांक 11.08.2021 को अपने आदेश क्रमांक एस एस /पेडागाजी/2021-22/69 के तहत आदेश जारी कर कहा था कि संकुल समन्वयकों को प्रतिदिन अपने मूल शाला में तीन कालखण्ड अध्यापन करना होगा ,प्रतिदिन शिक्षक उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करना होगा ,उसके पश्चात ही संकुल के कार्यों को निष्पादित करना होगा।


विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक के आदेश से क्षुब्ध होकर संकुल समन्वयकों ने सामूहिक रूप इस्तीफा दे दिए हैं । विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयकों को लिखे इस्तीफा पत्र में कहा गया है कि आपके द्वारा शाला में तीन काल खंड अध्यापन का आदेश जारी किया गया है , आकादमिक कार्य और अध्यापन का कार्य एक साथ कर पाना सम्भव नही है  । इस लिए संकुल समन्वयक का दायित्व निर्वहन कर पाने में असमर्थ हैं |

संकुल समन्वयकों दिया सामूहिक इस्तीफा-

विकास खण्ड धमतरी में शाला संकुल व्यवस्था के तहत नियुक्ति 12 संकुल समन्वयकों ने यह कहते हुए विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक को इस्तीफा सौप दिए हैं कि आपके द्वारा मूल शाला में अध्यापन का आदेश जारी किया गया है ,शाला में अध्यापन के पश्चात कार्यालय का डाक ,कार्यालय में उपस्थिति ,बैठक में उपस्थित हो पाना सम्भव नही है। 

वहीं कई संकुल समन्वयक दूरस्थ स्थानों से आते हैं ,चूंकि शाला में तीन कालखण्ड अध्यापन के बाद कार्यालय के आकादमिक कार्य तथा कार्यालय का तत्कालिक डाक भेजने ,आफिस बुलाने ,कार्यालय में उपस्थित होने ,बैठक में उपस्थित होने जैसे कार्य सम्भव नही है।


संकुल समन्वयक  नियुक्ति नियम में अध्यापन तथा उपस्थिति का उल्लेख-

नई शिक्षक नीति को ध्यान में रखते हुए राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा पूर्व से जारी संकुल व्यवस्था में बदलाव करते हुए शाला संकुल का व्यवस्था किया गया है। चूंकि शाला संकुल के अंतर्गत प्रत्येक हाई स्कूल/हायर सेकेंडरी स्कूल का शाला संकुल माना गया है ,इस लिए किसी भी विकास खण्ड में पहले के तुलना संकुलों को संख्या 30-50 तक हो चुकी ।  

शाला संकुलों के लिए 30-50 शिक्षक संकुल समन्वयक के रूप में नियुक्त हुए हैं ,इस लिए उक्त शिक्षकों के मूल शाला में अध्यापन व्यवस्था प्रभावित हो रहा था ,इस लिए राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा एक व्यवस्था किया गया कि संकुल समन्वयकों को प्रतिदिन अपने मूल शाला में तीन काल खण्ड अध्यापन के बाद ही संकुल के अकादमिक कार्यों को संपादित करने होगा।


संकुल समन्वयकों को अध्यापन व्यवस्था से मुक्त कर पाना सम्भव नही -

शाला संकुल के अंतर्गत नियुक्त संकुल समन्वयकों को शिक्षण कार्य से मुक्त करने में कई तरह की समस्या होगी। शिक्षक अपने मूल कार्य से अगल हो जायेंगे । वहीं प्रत्येक विकास खण्ड में शाला संकुलों की संख्या 30-50 के बीच है ,ऐसे में 30-50 शिक्षक अपने शाला के शैक्षणिक कार्य से सीधे तौर पर कट जाएंगे। जिसका सीधा प्रभाव शिक्षण पर पड़ेगा।

पूरे प्रदेश की बात करें तो शाला संकुलों की संख्या  500 से अधिक हैं ,ऐसे में 500 स्कूलों में बच्चों का अध्यापन व्यवस्था प्रभावित होगी , इस लिए शायद ही संकुल समन्वयकों को अध्यापन से मुक्त रखा जायेगा |

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