प्राथमिक शिक्षक सरकार के सबसे अधिक वेतन पाने वालों में से एक होना चाहिए-माननीय हाईकोर्ट

SHIKSHAKLBNEWS - माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि प्राथमिक शिक्षक सरकार के सबसे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों में से एक होना चाहिए। इसके लिए प्राथमिक शिक्षक के वेतन भत्ते व स्वत्वों को बेहतर होना चाहिए ,जिससे कि समाज के बेहतर वर्ग को अध्यापन के लिए आकर्षित किया जा सके | हालाँकि यह टिप्पणी कुछ दिन पूर्व का है ,परन्तु माननीय न्यायालय यह टिप्पणी चिंतनीय है |

माननीय हाईकोर्ट बेंच ग्वालियर द्वारा प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए , यह टिप्पणी किया गया है। दरअसल ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस शील नागू और जस्टिस दीपक अग्रवाल के युगलपीठ ने व्यवसायिक पाठ्यक्रम से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए उक्त बातें कहीं।

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इस मामले की सुनवाई के दौरान कही उक्त बातें-

दरअसल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया था, जिसमें छात्र द्वारा व्यवसायिक पाठ्यक्रम (डीएलएड) के द्वितीय वर्ष में 1 से अधिक विषय में  अनुत्तीर्ण होने पर मांग किया गया था, कि उन्हें दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए।

उक्त मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने कहा कि 2013 में विद्यार्थी द्वारा उक्त कोर्स के लिए प्रवेश लिया था, जबकि 3 वर्ष की अवधि पूर्ण हो चुकी है, इसलिए न्यायालय की दखल का मामला नहीं बनता।न्यायालय ने यह भी कहा कि अयोग्य को योग्य बनाने में न्यायालय भागीदारी नहीं बन सकता ,क्योंकि अयोग्य को अनुमति देकर शिक्षक बनाना प्राथमिक विद्यालयों के लिए विनाशकारी होगा।

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अयोग्य ,अक्षम शिक्षक तैयार नहीं कर सकता योग्य छात्र-

माननीय न्यायालय ने कहा कि प्राचीन काल में शिक्षक सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति हुआ करते थे, सभी उसके प्रति आदर भाव रखते थे ,क्योंकि वह प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों में अनुशासन ,योग्यता तथा नैतिकता का गुण पैदा करते थे। अयोग्य और अक्षम शिक्षक कैसे योग्य विद्यार्थी पैदा कर सकते हैं।

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अंततः वह मासूम हार जाता है जो अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल आता है-

माननीय न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि जो बच्चा अच्छी शिक्षा के लिए प्राथमिक स्कूलों में आता है ,वह व्यवस्था के सामने हार जाता है। प्राथमिक शिक्षा ना केवल विषय आधारित ज्ञान कराता है ,बल्कि बच्चों में सही व गलत का अंतर करने ,समाज तथा राष्ट्र हित के प्रति सोचने की क्षमता विकसित करती है।

इधर कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर सहायक शिक्षक -

इधर प्रदेश में सरकार द्वारा सहायक शिक्षकों के लिए किये गये वादे को पूरा नही करने से 1 लाख 9 हजार सहयक शिक्षक रायपुर स्थित धरना स्थान पर वेतन विसंगति की समस्या को लेकर कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं | शिक्षिकाएं अपने छोटे -छोटे बच्चों को लेकर कड़ाके की ठंड में 24 घंटे धरना स्थल पर डटी हुई हैं | 

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