shikshaklbnews रायपुर - मुख्यमंत्री द्वारा सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने को लेकर टीम गठित करने की घोषणा के पश्चात आज मनीष मिश्रा और उनकी टीम ने शिक्षा सचिव ,श्री कमलप्रीत सिंह से मुलाकात किया। सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल को शिक्षा सचिव ने बताया कि सहायक शिक्षकों के वेतन संगति के मुद्दे पर कार्य जारी है । कमेटी गठन का फाइल मुख्यमंत्री के चीफ सेक्रेटरी के पास पहुंच चुकी है, मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बाद यह पूर्ण हो जाएगी।
मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के पश्चात कमेटी गठन का कार्य हो जाएगा ,पूर्ण-
शिक्षा सचिव श्री कमलप्रीत सिंह ने कहा है, कि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के कमेटी गठन की घोषणा के पश्चात इस पर कार्य जारी है , वेतन वेतन विसंगति के मुद्दे पर जो कमेटी गठित किया जाना है उसका फाइल मुख्यमंत्री के चीफ सेक्रेटरी के पास पहुंच चुकी है, इस पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होते ही यह पूर्ण हो जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार शिक्षा सचिव श्री कमलप्रीत सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, कि यह अंतर विभागीय कमेटी है, इसलिए इसमें थोड़ा विलंब हो रहा है, परंतु आप लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है ,इसी माह कमेटी की गठन हो जाएगा।
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20 या 22 सितंबर को पदाधिकारियों के साथ हो सकती है कमेटी की बैठक-
प्रतिनिधिमंडल की मानें तो शिक्षा सचिव श्री कमलप्रीत सिंह ने कहा है, कि समिति गठन का फाइल मुख्यमंत्री के चीफ सेक्रेटरी के पास पहुंच चुकी है, इसमें मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने के बाद यह पूर्ण हो जाएगी और संभवत इसके पश्चात 20 या 22 सितंबर को सहायक शिक्षकों के पदाधिकारियों और कमेटी की पहली बैठक आयोजित हो सकती है। साथ ही शिक्षा सचिव ने यह भी कहा , कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है , यह कार्य 90 दिनों में हो जाना चाहिए।
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क्या अब मनीष मिश्रा पर भरोसा करेंगे,सहायक शिक्षक-
शिक्षा सचिव श्री कमलप्रीत सिंह से चर्चा के उपरांत प्रतिनिधि मंडल द्वारा कमेटी गठन के सम्बंध में जिस प्रकार की बातें कही गई है ,उसके अनुसार तीन महीने में कमेटी का निर्णय आ जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह है, कि क्या मनीष मिश्रा और उनकी टीम पर सहायक शिक्षक भरोसा करेंगे ? जवाब चाहे जो भी हो परंतु जिस प्रकार मुख्यमंत्री जी द्वारा कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया गया है, उसके आधार पर सहायक शिक्षकों को अब 3 माह इंतजार करना ही पड़ेगा ,क्योंकि 5 सितंबर के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद अभी तक कोई रणनीति नहीं बन पाई है।
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कमेटी की रिपोर्ट ही तय करेगी ,सहायक शिक्षकों का दशा और दिशा -
मुख्यमंत्री के मौखिक घोषणा के उपरांत एकाएक 5 सितंबर के आंदोलन वापसी की घोषणा करने के पश्चात प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा से सहायक शिक्षक खासा नाराज हैं ,यहां तक की जिला अध्यक्षों तथा आम शिक्षकों ने आंदोलन में उपस्थित नही होने वाले प्रांताध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों को संघ से निष्कासित कर दिया है ,यदि कमेटी के निर्णय के आधार पर 3 महीने में वेतन विसंगति के सम्बंध में कोई ठोस निर्णय आ जाता है तो एक बार फिर से मनीष मिश्रा सहायक शिक्षकों के लिए हीरो बन सकते हैं।
कमेटी का रिपोर्ट सहायक शिक्षकों का दशा और दिशा तय करेगी | क्या कमेटी द्वारा वेतन विसंगति को लेकर कोई निर्णय की बात अपने रिपोर्ट में कही जाती है , क्या सहायक शिक्षक कमेटी के सुधाव से संतुष्ट होते हैं ,यह तो कमेटी के रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा |
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