रायपुर - 'पानी सर से ऊपर चले जाना' कहावत तो आपने सुना ही होगा। शायद यही कहावत सहायक शिक्षकों पर भी लागू होता है ,इसलिए प्रांताध्यक्ष के अगुवाई के बिना ही आज हजारों सहायक शिक्षकों ने राजधानी रायपुर में जोरदार प्रदर्शन किया । सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति का मामला बहुत पुराना है। इसलिए सहायक शिक्षक मुख्यमंत्री के आश्वासन से भी संतुष्ट नहीं हुए।
सहायक शिक्षकों का मानना है ,कि मुख्यमंत्री जी द्वारा समिति गठित करने का आश्वासन दिया गया है, इससे पहले भी कई बार इसी तरह से सहायक शिक्षकों की मांगों पर समिति का गठन किया जा चुका है, परंतु अभी तक किसी भी समिति की सहायक शिक्षकों की समस्या पर रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
बिना अगुवाई के राजधानी में जुटे हजारों सहायक शिक्षक-
सहायक शिक्षक संगठन के प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा के प्रतिनिधि मंडल द्वारा कल शाम मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री से चर्चा किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री जी द्वारा सहायक शिक्षकों के मुख्य मांग वेतन विसंगति पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टीम गठित करने की बात कही गई , मुख्यमंत्री के आश्वासन से सहायक शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए और आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर हजारों सहायक शिक्षक राजधानी में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में जुटे हैं।
प्रांत अध्यक्ष के निर्णय से सहायक शिक्षकों में आक्रोश-
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज 5 सितंबर को राजधानी रायपुर में सहायक शिक्षकों का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम प्रस्तावित था। सहायक शिक्षक अपने मुख्य मांग के लिए आंदोलन का मन बना चुके थे , जब की हड़ताल से पहले ही प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया गया। इससे हजारों शिक्षक राजधानी रायपुर के लिए कुच कर गए।
संगठन में बिखराव की स्थिति-
प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा आज के हड़ताल को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करने से संघ में बिखराव की स्थिति निर्मित हो गई है। संगठन के कई पदाधिकारियों का मानना था ,कि जब पहले से कार्यक्रम तय था तो बिना किसी ठोस निर्णय के एन वक्त पर हड़ताल से वापसी का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता।
सहायक शिक्षकों का कहना है, कि अब उनकी मांगों के लिए किसी मुखिया की आवश्यकता नहीं है ,जब तक वेतन विसंगति मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।
मनीष मिश्रा सहित पूरी टीम की छुट्टी -
एन वक्त पर आन्दोलन से पीछे हटना सहायक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को महंगा पड़ गया | राजधानी में जुटे हजारों सहायक शिक्षकों ने प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्र सहित दर्जनों पदाधिकारियों को संघ से बर्खास्त कर दिए हैं | सभी जिलाध्यक्षों तथा हजारों सहायक शिक्षकों ने आम सहमती से आन्दोलन से पीछे हटने वाले नेताओं की छुट्टी कर दी है |
प्रत्येक माह 10 से 12 रुपये का नुकसान-
शिक्षक एलबी और व्याख्याता एल बी के वेतन में बहुत कम अंतर है ,वही सहायक शिक्षकों की बात करें तो सहायक शिक्षक और शिक्षक एलबी के वेतन में लगभग 10 से 12 रुपये का अंतर है, जिससे सहायक शिक्षकों को प्रति माह आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं सहायक शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक एलबी और व्याख्याता एलबी की तुलना कहीं अधिक उनसे गैर शिक्षकीय कार्य लिया जाता है, जबकि उनकी वेतन विसंगति पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
नवीन शिक्षक संघ ने किया अपील-
नवीन शिक्षा संघ के प्रांत अध्यक्ष विकास राजपूत ने कहा है कि वह सहायक शिक्षकों के मांगों को लेकर अगवाई करेगा। उन्होंने अपील किया है ,कि सहायक शिक्षक नवीन शिक्षक संघ के बैनर तले अपनी मांगों को मजबूती से रखें वह हर मोर्चे पर सहायक शिक्षकों की लड़ाई में अगुवाई को तैयार है।
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