रायपुर- कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा बस्तर संभाग में शिक्षा गुणवत्ता हेतु रोडमैप तैयार किया गया है। राज्य कार्यालय से जारी नीति निर्देशों के अतिरिक्त संभाग स्तर से अलग से निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें जिला स्तर के अधिकारियों से लेकर प्रधान पाठक तक के लिए विस्तृत निर्देश जारी किये गए हैं।
बाल देवो भव आदर्श वाक्य एवं लक्ष्य एक- बस्तर श्रेष्ठ नाम से शुरू किया गया अभियान-
शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा बाल देवो भव को बस्तर संभाग का आदर्श वाक्य निर्धारित किया गया है, जिसे प्रत्येक विद्यालय को प्रमुख प्रवेश द्वार पर बड़े बड़े अक्षरों में अंकित करना होगा। वहीं लक्ष्य एक बस्तर श्रेष्ठ को शैक्षणिक दृष्टि से बस्तर संभाग को उत्कृष्ट बनाने हेतु लक्ष्य के रूप में निर्धारित किया गया है, जिसे संभाग के समस्त अधिकारियों, प्राचार्य, प्रधान पाठकों एवं अन्य कार्यालय प्रमुखों को अपने कक्ष में ठीक अपने सामने स्पष्ट एवं पठनीय रूप में अंकित कराना होगा।
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बाल देवो भव और लक्ष्य एक-बस्तर श्रेष्ठ अभियान के तहत तीन तरह के सुधारों पर दिया गया है विशेष जोर-
संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा बाल देवो भव एवं लक्ष्य एक बस्तर श्रेष्ठ की प्राप्ति हेतु 3 तरह के कदम उठाए जाने का निर्देश जारी किया गया है इसमें प्रमुख रूप से अधिगम दक्षता में सुधार, बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार और निरीक्षण पर विशेष जोर दिया गया है।।
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जिला तथा विकास खंड स्तरीय अधिकारियों के लिए न्यूनतम निरीक्षण दिवस निर्धारित-
संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए सप्ताह में न्यूनतम 3 3 दिन एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए न्यूनतम 4 दिन निरीक्षण के लिए निर्धारित किया गया है।
विद्यालय प्रारंभ होने के समय निरीक्षण करने का आदेश-
संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा शिक्षकों के समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शाला प्रारंभ होने के समय यानी 10:00 बजे/ 10:30 बजे निरीक्षण करने का निर्देश जारी किया गया है। निर्धारित विद्यालय समय में अनुपस्थित शिक्षकों को अनुपस्थित करते हुए उक्त दिवस का वेतन काटने का भी निर्देश दिया गया है।
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राज्य कार्यालय के निर्देशों के विपरीत संकुल समन्वयक 10:00 बजे स्कूलों का करेंगे निरीक्षण-
संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर द्वारा जारी निर्देश के अनुसार संकुल प्राचार्य एवं संकुल समन्वयक अपने अधीनस्थ विद्यालयों का निरीक्षण 10:00 बजे करेंगे। जबकि राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जारी निर्देश के अनुसार संकुल समन्वयक अपने स्कूलों में तीन कालखंड पढ़ाने के साथ-साथ अपने स्कूलों को पहले आदर्श स्वरूप में बनाएंगे उसके पश्चात ही अपने संकुल क्षेत्र के अधीनस्थ विद्यालयों में अकादमिक सहयोग करेंगे। राज्य कार्यालय द्वारा स्पष्ट किया गया है, कि किसी भी परिस्थिति में संकुल समन्वयकों से गैर शैक्षिक कार्य नहीं कराया जाना है।
शिक्षकों को स्वतंत्र रूप से पढ़ाने का मौका ही नही -
शिक्षक संगठनों ने कहा है कि शाला खुलने के बाद से शिक्षक लगातार राज्य ,संभाग ,जिला ,विकास खंड स्तरीय आदेश में उलझे हुए हैं ,कभी राज्य कार्यालय से जारी आदेश का पालन करो तो कभी जिला और विकास खंड का | स्थिति यह है कि शिक्षक स्वतंत्र रूप से स्कूलों में पढ़ा नही पा रहे हैं |
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