माह अक्टूबर में स्कूलों का निरिक्षण हेतु बिंदु तय.......हाँ या नही में देना होगा जवाब

रायपुर- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माह अक्टूबर में स्कूलों का निरीक्षण हेतु 15 बिंदु तय किया गया है। जिसके आधार पर विभिन्न स्तर के अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इस संबंध में राज्य कार्यालय द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया है। जो 15 बिंदु तय किए गए हैं उनमें हां या नहीं में जवाब देना होगा।

दरअसल कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पाया है ,जिससे बच्चों का स्तर काफी नीचे चला गया है, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य कार्यालय द्वारा अकादमी के व्यवस्था में सुधार लाने हेतु मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की गई है। स्कूलों में निरीक्षण हेतु प्रत्येक माह के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है । 

माह अक्टूबर में स्कूलों का मॉनिटरिंग हेतु 15 बिंदु तय की गई। मॉनिटरिंग हेतु निर्धारित 15 बिंदुओं में बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता से लेकर स्कूल के साफ-सफाई, शाला प्रबंधन समिति के नियमित बैठक तक को शामिल किया गया है।

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मॉनिटरिंग हेतु अधिकारियों के लिए लक्ष्य-

राज्य कार्यालय द्वारा मॉनिटरिंग हेतु निर्धारित लक्ष्य के तहत संकुल समन्वयक संकुल के प्रत्येक स्कूलों का कम से कम माह में एक बार निरीक्षण करेंगे। विकास खंड शिक्षा अधिकारी ,सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी ,बीआरसीसी ,संकुल प्राचार्य को क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में से प्रतिमाह 10% स्कूलों का मॉनिटरिंग इस प्रकार करना होगा, कि वर्ष में उनके क्षेत्र के शत प्रतिशत स्कूलों का मॉनिटरिंग हो जाए।

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माह अक्टूबर में मॉनिटरिंग हेतु निर्धारित 15 बिंदु-

राज्य कार्यालय द्वारा मानिटरिंग हेतु 15 बिंदु तय किए गए हैं, जिसका जवाब हां या ना में देना है।

* 80% बच्चे पिछले 10 दिनों से नियमित रूप से शाला आ रहे हैं। 

* सभी कक्षा में कक्षा अनुरूप लर्निंग आउटकम की प्राप्ति करने वाले बच्चों की संख्या 50% से अधिक है। 

* मुस्कान पुस्तकालय से 50% से अधिक बच्चे पुस्तकों का नियमित अध्यापन कर रहे हैं एवं पुस्तक आधारित गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।

* कक्षा 5 के बच्चों का रेंडम चयन कर पठन एवं गणितीय कौशल का आकलन करने पर वे सही-सही जवाब दे पा रहे हैं। 

* विभिन्न विषयों के अध्यापन को प्रयोग प्रदर्शन के साथ जोड़कर समझ कर सीखना सुनिश्चित करने के लिए शाला के सभी शिक्षक नियमित रूप से प्रयोगों का सहारा ले रहे हैं। 

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* शाला का वातावरण आकर्षक, साफ सुथरा एवं भवन सुरक्षित तथा मजबूत है। 

* बच्चे साफ-सुथरे ,स्वच्छ गणवेश तथा बच्चे मास्क पहनकर शाला आते हैं ,बच्चों के बाल एवं नाखून कटे हुए हैं। 

* शाला प्रबंधन समिति की नियमित बैठक आयोजित की जाती है एवं बैठकों में बच्चों की गुणवत्ता सुधार पर ध्यान दिया जाता है।

* मध्यान्ह भोजन बनाने, वितरण एवं पेयजल की उचित व्यवस्था है। 

* शौचालय ,मूत्रालय स्वच्छ उपयोग के लायक एवं पानी की उपलब्धता के साथ साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था है। 

* पढ़ई तुहर द्वार 2.0 के अंतर्गत सभी गतिविधियां पढ़ने लिखने का अभ्यास, गणित के सवाल ,विज्ञान का प्रयोग प्रोजेक्टर कार्य स्कूल में संचालित किए जा रहे हैं।

* राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण के अनुरूप बच्चों को नियमित अभ्यास कराया जा रहा है। 

* बच्चों के जांची हुई आकलन की पुस्तिकाएं स्कूलों में सुरक्षित है।

* बच्चों का स्तर आकलन में दिए गए अंकों के अनुरूप है। 

* कोरोना लॉकडाउन की वजह से हुए सीखने के नुकसान को कम करने के लिए समुदाय द्वारा बच्चों को सीखने के लिए स्कूल समय से अलग समय देकर सीखने के लिए व्यवस्था में सहयोग दिया जा रहा है।

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