फर्जी प्रमाण पत्र धारी बर्खास्त कर्मचारियों पर दर्ज हो सकती है FIR तथा वसूली की कार्यवाही

छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हथियाने वाले अफसरों एवं कर्मचारियों बर्खास्तगी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसके मुताबिक राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ऐसे फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारी अफसरों/ कर्मचारियों के बर्खास्तगी से संतुष्ट नहीं है। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए बर्खास्त अफसरों/ कर्मचारियों पर एफ आई आर दर्ज करने के साथ-साथ वसूली कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखा है।

दरअसल अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य अर्चना पोर्ते एक दिवसीय दौरे पर गौरेला- पेंड्रा- मरवाही जिला पहुंची थी। जहां उन्होंने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे अफसरों, कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर FIR दर्ज करने तथा वसूली की कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखा गया है |

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मुख्यमंत्री ने सेवा समाप्त करने दिया था निर्देश -

माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति ,अन्य पिछड़ा वर्ग के झूठे प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले सेवकों का सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया गया था ,जिसके अनुपालन में समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष को ऐसे प्रकरण में उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा गलत /फर्जी कर्मचारी /अधिकारी का तत्काल सेवा /महत्वपूर्ण पदों से पृथक करने को कहा गया था  | 

साथ ही ऐसे प्रकरणों में महाधिवक्ता ,छत्तीसगढ़ के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किये जाने को कहा गया था | यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी जिनका माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्रस्ताव नही प्राप्त हुआ है ,उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त करने को कहा गया था  |

आयोग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों पर fir दर्ज करने तथा वसूली हेतु शासन को लिखा पत्र-

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य अर्चना पोर्ते के अनुसार आयोग के सचिव ने जांच में फर्जी जाति प्रमाण पत्र घोषित व्यक्तियों पर समुचित कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को पत्र लिखा है जिसमें मांग किया गया है कि इसके लिए समस्त कलेक्टर को निर्देशित किया जाए, जांच में जिनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, उनके ऊपर एफ आई आर दर्ज किया जाए तथा उनसे वसूली की कार्यवाही भी किया जाए।

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फर्जी प्रमाण पत्र धारकों में जनप्रतिनिधि भी शामिल-

आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच कमेटी द्वारा जिन फर्जी प्रमाण धारकों की सूची जारी किया गया है,उसमें कई जनप्रतिनिधियों नाम भी शामिल हैं। हालांकि उन्होंने नामों का खुलासा नहीं किया । उन्होंने बताया कि अभी तक 18 लोगों का नाम सामने आया है, और कुछ मामले अभी हाई पावर कमेटी के पास लंबित है। क्या फर्जी प्रमाण पत्र धारी जनप्रतिनिधियों पर भी FIR दर्ज होगी ? अभी स्पष्ट नही किया गया है।

👉राज्य अनुसूचित जन जाति आयोग द्वारा जारी आदेश का पीडीऍफ़ यहाँ से डाउनलोड करें 👇

उच्च स्तरीय छानबीन समिति के पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र 758 मामले-

राज्य गठन से लेकर 2020 तक उच्च स्तरीय छानबीन समिति को 758 मामले फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मिले थे, जिसमें से 659 प्रकरणों की जांच के बाद उसका निराकरण किया जा चुका है। 267 मामलों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं ,जिसे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। उक्त मामलों में अभी तक केवल एक ही कर्मचारी की सेवा समाप्त की गई है। बाकी मामले विभाग तथा हाई कोर्ट में विचाराधीन है।

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