बच्चों के पढ़ाई को लेकर छलका शिक्षकों का दर्द , काम इतना कि पढ़ाने तक का समय नहीं

रायपुर - वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से स्कूल बंद था| प्रदेश में कोरोना की स्थिति में हो रही सुधार के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा शाला संचालन का आदेश जारी किया गया है । इसके बाद शिक्षकों को भरोसा था, कि पिछले 2 सालों से स्कूलों पढ़ाई नहीं हुई है ,जिससे बच्चे अपने स्तर से काफी पीछे चले गए हैं, इसलिए उनको ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों के साथ बिताने का आदेश जारी किया जाएगा, परंतु ऐसा नहीं हो पा रहा है।

स्कूल खुलने के बाद से मानों नए-नए प्रयोगों की झड़ी सी लग गयी है। पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है ,इसको पढ़ने के बाद लगता है ,कि शिक्षक बच्चों को के पढ़ाई को लेकर कितना ज्यादा चिंतित हैं, परंतु 36 प्रकार के योजनाओं के क्रियान्वयन के कारण उन्हें पढ़ाने का भी समय नहीं मिल पा रहा है।

वायरल मैसेज के अनुसार स्कूलों में संचालित कुछ योजनाएं/ कार्य-

1. पुनः आकलन का आदेश- पांच दिन में प्राथमिक शाला मे पांच कक्षा, पूर्व माध्यमिक मे तीन कक्षा, 

2.कोरोना प्रोटोकाल मे 50%बच्चों की उपस्थिति और 100% का आंकलन, 

3.शिक्षकों को बच्चों का जाति निवासी आय प्रमाण पत्र भी बनवाना है।

4.उसके बाद अंगना म शिक्षा कार्यक्रम

5.गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ कार्यक्रम

6.कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम

7.राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 

8.नवोदय परीक्षा की तैयारी

9.इंस्पायर अवार्ड 

10.छात्रवृत्ति

11.रोजाना ऑनलाइन गूगल फॉर्म

13.नया खाता खुलवाना

14.रोजाना मध्यान्ह भोजन में मगजमारी

15.प्रत्येक बच्चों के आकलन की ऑनलाइन एंट्री

16.शाला प्रबंधन समिति की मीटिंग

17.माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम

18.एक पृथ्वी एक घर कार्यक्रम

19.बस्ता विहीन विद्यालय 

20.सौ दिन सौ कहानियाँ कार्यक्रम

21.हस्तपुस्तिका निर्माण

22.बच्चों की पठन कौशल सहित अन्य प्रतियोगिताएं

23.शिक्षकों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ड्यूटी

24.खिलौना बनाना कार्यक्रम

25.विद्यार्थी विकास सूचकांक

26.अटल टिंकरिंग लैब

हर एक कार्यक्रम का पंजी संधारण अनिवार्य-

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जितनी भी योजनाएं चला जाए चलाई जा रही है , स्कूलों में उक्त योजनाओं का पंजी संधारण आवश्यक है क्योंकि जो भी मानिटरिंग कर्ता निरीक्षण के लिए स्कूलों में आते हैं ,वे पंजी को ही सबसे पहले पूछते हैं। कुछ जिलों में तो बाकायदा विकासखंड स्तर से आदेश जारी किया गया है, कि सभी प्रकार का पंजी अपडेट होना चाहिए।

ऑनलाइन कार्यों की अधिकता-

स्कूलों में बहुत से कार्य ऐसे हैं, जिनको ऑनलाइन करना पड़ता है ।चूंकि बहुत से शिक्षक ऑनलाइन कार्यों की जानकारी नहीं रखते, इसलिए उक्त कार्य को कराने हेतु कंप्यूटर सेंटर का चक्कर लगाते रहते हैं । वहीं कई योजनाओं में पूरे प्रदेश से एक साथ ऑनलाइन कार्य होने के कारण वेबसाइट में सरवर लोडिंग की समस्या जाती है इसको लेकर भी एक दिन का काम लगभग 1 हफ्ते में पूर्ण होता है।

पिछले एक माह से परीक्षा में उलझे शिक्षक -

पिछले एक माह से परीक्षा में उलझे हुए हैं ,प्रदेश के शिक्षक ,पहले बेसलाइन आकलन ,कॉपी जाँच और एंट्री ,इसके बाद पुनः बेसलाइन आकलन ,कॉपी जाँच और पुनः प्राप्तांकों की एंट्री , अब NAS माक टेस्ट तथा मूल्यांकन ,इसके तुरंत बाद प्रथम इकाई मूल्यांकन भी इसी माह में लेना है |

स्तर में सुधार हो मुख्य लक्ष्य -

शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में शाला बंद होने बच्चे अपने स्तर से काफी नीचे चले गये हैं ,इस लिए शासन को चाहिए कि शिक्षकों को बच्चों का स्तर उपर लाने के लिए अधिक से अधिक समय दिया जाय ,नये -नये कार्यक्रम और प्रयोगों पर रोक लगाया जाय ,परन्तु इस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है |

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12 Comments

  1. बहुत सही समाचार धन्यवाद सर जी

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  2. एसी मे बैठे ऑफिसरर्स को माता रानी सद्बुद्धि दे, नही तो उनको उठा ले।

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  3. इन पागलों को कौन समझाए। इनके प्रयोग के चक्कर में बच्चो का भविष्य खराब हो रहा है।

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  4. सभी शिक्षक preshaan

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  5. वैक्सीनेशन ड्यूटी मे भी शिक्षकों को लगाया गया है रोज़ वैक्सीन ड्यूटी करेंगे तो पढ़ाएंगे कब

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  6. Desh to azaad ho gya lekin sikshak gulam ho gye..

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  7. पहले शिक्षा विभाग ज्ञान और संस्कार का संसार था
    अब कमाई के प्रयोगशाला का कारोबार है... बस कमाई के नये नये प्रोजेक्ट लॉन्च किया जा रहा है..

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  8. तभी तो पालक सरकारी स्कूल के बजाय प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना पसंद करते है

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  9. उन स्कूलों के शिक्षक जहाँ 15 वर्ष स्कूल खुलने के बाद भी आज तक प्रधान पाठक की नियुक्ति तक नहीं हुई है और न ही सफाई कर्मी है और न ही पर्याप्त शिक्षक भी है। ऐसे स्कूल में प्रधान पाठक के प्रभारी के रूप में कार्य करना और शैक्षणिक कार्य में भी करना और दोनों में सामंजस्य स्थापित कर कार्य करना बहुत ही कष्टप्रद और तनावपूर्ण है।

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  10. एक नवंबर से blo कार्य भी प्रारंभ हो रहा है।

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  11. Sahi hy padhne k alava baaki sabhi kaam jarur hy 🤯

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