रायपुर -मुख्यमंत्री के वादे अनुसार दिवाली में लंबित महंगाई भत्ता जारी किए जाने से नाराज कर्मचारी संगठन एक बार फिर से आंदोलन का मूड बना रहे हैं। हाल ही में दीवाली मिलन समारोह के बहाने लगभग 22 संगठनों के कर्मचारी नेताओं ने मुलाकात कर अनिश्चितकालीन आंदोलन की रणनीति तैयार की है।
दरअसल फेडरेशन द्वारा लंबित महंगाई भत्ते को लेकर दिनांक 03.09.2021 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था , जिसके बाद दिनांक 04.09.2021 को मुख्यमंत्री निवास पर कर्मचारी संगठनों और शासन के बीच 5% महंगाई भत्ता जारी किए जाने की सहमति बनी थी तथा शेष लंबित महंगाई भत्ता दिवाली में जारी किए जाने का वादा मुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल से किया गया था ।
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केंद्र सरकार तथा कई राज्यों में कर्मचारियों दीपावली का गिफ्ट देते हुए महंगाई भत्ता 28% में 5% की वृद्धि करते हुए महंगाई भत्ता कुल 31% कर दिया गया है , परंतु छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के वादे के बाद भी दिवाली पर लंबित 11% महंगाई भत्ता कर्मचारियों को जारी नहीं किया गया, जिससे कर्मचारी संगठनों में खासा नाराजगी है।
बनी आंदोलन की रणनीति-
शासन के द्वारा दिवाली पर लंबित महंगाई भत्ता जारी नहीं किए जाने से दीवाली मिलन समारोह के बहाने से 22 संगठनों के नेताओं ने रविवार को राजधानी रायपुर में जुटे थे। जहां कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर आर-पार की लड़ाई पर जोर दिया गया।
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28% महंगाई भत्ते के स्थान पर 31% की मांग-
फेडरेशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी के अनुसार बढ़ती महंगाई के विरोध में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी आए दिन आंदोलन करती है , जबकि प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता जारी करने में सबसे पीछे है। अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में जहां कर्मचारियों को 28% से 31% तक महंगाई भत्ता दिया जा रहा है , वहीं छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को 17% महंगाई भत्ता ही दिया जा रहा है। फेडरेशन 31% महंगाई भत्ता जारी करने की मांग को लेकर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की तैयारी में है।
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