रायपुर - प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही शिक्षकों का एक बार फिर से कोरोना ड्यूटी लगना शुरू हो गया है। कोरोना के पहले और दूसरे वेरिएंट में ड्यूटी करते लगभग 800 से 900 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। बिना किसी सुरक्षा किट के शिक्षकों ने कोरोना ड्यूटी किये ऐसे में कोरोना काल मे शाला बंद होने की स्थिति में भी शिक्षकों को पूरी तनख्वाह दिए कहना दुःखद।
कोरोना जांच दल में ड्यूटी हो ,कंट्रोल रूम में ड्यूटी हो, कोरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी हो, कोरोना सर्वे हो, कोरोना वैक्सीनेशन कार्य हो , कोरोना से जुड़ी ज्यादातर कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगता रहा है । शिक्षकों का कहना है शाला बंद होने की स्थिति में भी ऑनलाइन क्लास के साथ -साथ कोरोना ड्यूटी करते रहे हैं ,इसके बाद भी केवल शिक्षकों को पूरा वेतन दिए कहना दुःखद है।
शिक्षकों को टारगेट करना दुखद-
कोरोना काल में शिक्षकों ने शासन के अन्य विभागों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना ड्यूटी किए हैं। जबकि ड्यूटी के दौरान को कोविड बचाव हेतु शिक्षकों को पर्याप्त सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराया जाता था । शिक्षकों को कोरोनावारियर्स का दर्जा तो नहीं मिला, बल्कि शिक्षकों को कोरोना काल में भी पूरी वेतन देने की बात कह कर अपने टारगेट किया जा रहा है।
कोरोना ड्यूटी करते हुए 700 से 800 शिक्षकों की हो चुकी है मौत-
शिक्षकों का कहना है कि कोरोना ड्यूटी करते हुए लगभग 700 से 800 शिक्षकों की मौत हो चुकी है उन्हें कोरोनावारियर्स का दर्जा भी नहीं मिला | शिक्षक ऑफ़लाइन /ऑनलाइन पढाई के साथ- साथ पूरी ईमानदारी से कोरोना ड्यूटी करते रहे हैं |
सहायक शिक्षकों के हड़ताल के दौरान शिक्षा मंत्री ने ये कहा था -
सहायक शिक्षक फेडरेशन के अनिश्चित कालीन हड़ताल के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा था ,कि सहायक शिक्षकों को हड़ताल खत्म करना चाहिए | मुख्यमंत्री उनकी मांगों को लेकर संजीदा हैं | कोरोना काल में भी हमने शिक्षकों को पूरा वेतन दिए हैं |
समाज में जा रहा है गलत संदेश-
हालांकि प्रदेश सरकार का यह कार्य वाकई में काबिले तारीफ है कि कोरोना काल में किसी भी विभाग के कर्मचारियों का वेतन कटौती नहीं किया गया है। शिक्षकों को कोरोना काल मे पूरा वेतन दिया है कहने से समाज में गलत संदेश जा रहा है लोग यही मान रहे हैं कि शिक्षकों को स्कूल बंद के समय घर बैठे वेतन मिल जाता था।
फिर से लगा शिक्षकों का कोरोना ड्यूटी-
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