पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ होने से पहले ही आरक्षण और दो बार स्नातक का मामला गरमाया

shikshaklbnews रायपुर- शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही आरक्षण और दो बार इस स्नातक का मामला गरमाता जा रहा है , दरअसल कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने 12वीं में विज्ञान विषय होने के बाद भी कला विषय से स्नातक किए हैं परंतु पदोन्नति से वंचित हो जाने के कारण वे पुनः विज्ञान विषय में स्नातक कर लिए हैं इससे जिन शिक्षकों का नाम पदोन्नति सूची में शामिल होना चाहिए ,उन्हें पदोन्नति से वंचित होने का डर सता रहा है जिसके कारण वे पूरे मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

इससे पहले भी 2017 में डबल स्नातक के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था, जिसमें डबल स्नातक वालों की पदोन्नति निरस्त कर दी गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार कोरोना काल के कारण उनके केस का प्रॉपर सुनवाई नहीं हो पाया है केस अभी चल रहा है, यदि वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया में दो बार स्नातक वालों को प्राथमिकता दिया जाता है तो वे माननीय हाई कोर्ट की शरण में जाएंगे।

याचिकाकर्ता के अनुसार दो बार स्नातक करना अलग विषय है, परंतु दोनों स्नातक का लाभ नहीं लिया जा सकता। यदि कोई व्यक्ति जो दो बार स्नातक करना चाहता है तो उसे संबंधित विश्वविद्यालय में जाकर अपनी वर्तमान डिग्री सरेंडर करनी होती है तथा किसी भी लोक प्रचलित अखबार में से यह बताना होता है कि मैं आज दिनांक से अपनी डिग्री संबंधित विश्वविद्यालय को समर्पित कर रहा हूं जिसका आगे कोई लाभ नहीं लूंगा , उसके उपरांत यदि संबंधित विश्वविद्यालय अनुमति देता है तब वह दूसरे विषय पर स्नातक कर सकता है।

दो विषय में स्नातक संबंधित विश्वविद्यालय का निजी प्राधिकार-

दो विषय में स्नातक के संबंध में मार्च 2015 में छत्तीसगढ़ के ही पवन कुमार साव द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बहादुर शाह जफर मार्ग नई दिल्ली से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी उपलब्ध कराने हेतु आवेदन किया था | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बहादुर शाह जफर मार्ग नई दिल्ली द्वारा प्रतिउत्तर में दिए गये जवाब के अनुसार यूसीजी रेगुलेशन एक्ट 1956 की धारा 2(1) के अनुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करना भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। यूजीसी फॉर्मल एजुकेशन रेगुलेशंस 2003 के अनुसार स्नातक योग्यता प्राप्त करने के पश्चात पुनः दूसरे विषय में स्नातक किया जा सकता है जो कि संबंधित विश्वविद्यालय का निजी प्राधिकार है।

दो बार स्नातक क्या सेवा पुस्तिका में किया जा सकता है इंद्राज-

किसी कर्मचारी द्वारा स्नातक कर लेने के पश्चात पुनः स्नातक करने पर क्या उसे सेवा पुस्तिका में इंद्राज किया जा सकता है , क्या दो बार स्नातक के आधार पर कर्मचारी को पदोन्नति का लाभ मिल सकता है, इस संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है।

दो बार स्नातक के मान्यता के संबंध में लगाया गया है सूचना का अधिकार-

इस संबंध में जन सूचना अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली में सूचना के अधिकार अधिनियम के आधार पर जानकारी प्रदान करने हेतु आवेदन लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि कुछ शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में भिन्न-भिन्न विषयों की दो अलग-अलग स्नातक उपाधि को जोड़ा गया है , जिले में आगामी समय में पदोन्नति विषय अनुसार होना है इस स्थिति में पदोन्नति हेतु उक्त सहायक शिक्षक के स्नातक की उपाधि जो पूर्व से दर्ज है वह मान्य  होगी अथवा जो पुनः दूसरे क्रम में इंद्राज की गई है वह मान्य होगी।

इधर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में पहले से चल रहा मामला-

छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार शिक्षकों के पदोन्नति में वन टाइम रिलैक्सेशन के आधार पर आगामी समय में पदोन्नति होना है। इधर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण के लिए पहले ही उच्च न्यायालय बिलासपुर याचिका दायर कर चुके हैं जिसका अभी सुनवाई चल ही रहा है।

👉दो बार स्नातक सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी ( आवेदन का पीडीऍफ़ )

अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारियों के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलने से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि शिक्षा विभाग द्वारा प्रमोशन अनारक्षित बिंदु के आधार पर किया जाता है, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के 45% शिक्षकों को सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा।

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