shikshaklbnews- सहायक शिक्षा के प्रधान प्रथम प्राथमिक शाला शिक्षक तथा शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर चल रही अभी तक की सबसे बड़ी पदोन्नति प्रक्रिया में डबल स्नातक डिग्री होने पर सहमति के आधार पर एक स्नातक को विश्वविद्यालय को समर्पित करने के आदेश के बाद स्नातक डिग्री वापस करने का होड़ लग गया है।
आलम यह है कि पिछले एक सप्ताह में रविशंकर विश्वविद्यालय के पास दो दर्जन से अधिक आवेदन पहुंचे हैं , जिसमें छात्रों द्वारा एक स्नातक वापस करने की अर्जी लगाई गई है।
जानकारों की माने तो किसी एक विषय में ही स्नातक डिग्री मान्य हैं, आवेदन ऐसे लोग कर रहे हैं जिन्होंने दूसरी जगह से स्नातक करने के बाद उसी आधार पर नौकरी वगैरह है हासिल कर ली है और अब प्रमोशन के लिए 2 डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं इसलिए छात्र रवि शंकर विश्वविद्यालय से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी 1 डिग्री वापस कर ले ली जाए।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने 1 स्नातक विश्वविद्यालय को समर्पित करने जारी किया है आदेश-
कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी तिल्दा नेवरा जिला रायपुर द्वारा दिनांक 29.01.2022 को जारी निर्देश के अनुसार विकासखंड के अंतर्गत सर्व शिक्षक एलबी संवर्ग जिन्होंने दो विषय में स्नातक किए हैं उन्हें किसी एक स्नातक विषय पर सहमति दर्ज करते हुए एक स्नातक को संबंधित विश्वविद्यालय में तीन दिवस के भीतर समर्पण करना होगा तथा समर्पण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
👉विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी निर्देश का पीडीऍफ़ यहाँ से डाउनलोड करें
स्नातकोत्तर के लिए नहीं है बाध्यता-
स्नातक भले ही एक बार किया जा सकता है लेकिन स्नातकोत्तर की डिग्री के लिए ऐसी कोई रोक-टोक नहीं है आप चाहे जितनी बार अलग-अलग विषय में स्नातकोत्तर कर सकते हैं।
किसी भी हाल में डिग्री वापस नहीं होगी कुलसचिव-
एक प्रसिद्ध समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कांत पांडे का कहना है कि 2 स्नातक नहीं हो सकता डिग्री वापसी के लिए आवेदन मिल रहे हैं लेकिन वह वापस नहीं हो सकती।
एक स्नातक को विश्वविद्यालय को समर्पित करने संबंधी समर्पण पत्र प्रस्तुत करने हेतु समय अवधि की कमी इसलिए शपथ पत्र-
👉शपथ पत्र का नमूना यहाँ से डाउनलोड करें
इधर कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला कोंडागांव द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें डबल स्नातक वाले शिक्षकों को एक स्नातक को संबंधित विश्वविद्यालय को समर्पण करने के संबंध में पत्र जारी किया गया था। परंतु समय अवधि में कमी को देखते हुए कहा गया है कि दो बार स्नातक वाले शिक्षकों से ₹50 के स्टांप में शपथ पत्र लेकर उससे संकलित कर लिया जाए और इस कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए।
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