shikshaklbnews- प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के साथ ही एनपीएस योजना के भुक्तभोगी की संख्या बढ़ती जा रही है। एनपीएस लगातार शासकीय कर्मचारियों के गाड़ी कमाई पर सेंध कर रही है। पीएम योजना के तहत सेवानिवृत्त हुए किसी भी कर्मचारी को अभी तक अधिकतम 2,000-2500 रुपये तक ही पेंशन निर्धारित हुआ है। बुढ़ापे की लाठी कहे जाने वाले पेंशन कर्मचारियों को पूरी तरीके से बर्बाद कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा 2004 में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर शेयर मार्केट आधारित नवीन पेंशन योजना लागू करते हुए कहा था कि इससे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से भी ज्यादा लाभ होगा लेकिन कुछ ही सालों बाद अब इसका भयंकर दुष्परिणाम सामने आने लगा है।
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अंतिम वेतन 78000 रुपये, रिटायरमेंट पर 3693 रूपये पेंशन-
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार सुमन परिहार की नौकरी अक्टूबर 2006 में बतौर स्टाफ नर्स लगी थी। 2002 में वैकेंसी आई थी और 2018 में उनकी पोस्टिंग मथुरा जिला अस्पताल में की गई थी लगातार 13-14 साल तक सेवा देने के पश्चात जनवरी 2020 में रिटायर हो गई। बताया जाता है कि रिटायरमेंट के समय सुमन परिहार को वेतन से कटौती के बाद ₹78000 वेतन के रूप में प्राप्त होती थी। अब रिटायरमेंट के बाद एनपीएस योजना के तहत हर महीने ₹3693 पेंशन के रूप में निर्धारित की गई है।
छत्तीसगढ़ में एनपीएस के तहत जीरो पेंशन-
छत्तीसगढ़ में भी एनपीएस के तहत कर्मचारी को जीरो पेंशन निर्धारित हुआ है। रिटायर्ड शिक्षक मिथिलेश पांडे का अंतिम वेतन ₹38786 था, उन्हें रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है जबकि 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन नियम 1976 के तहत अंतिम वेतन का 50% राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में प्राप्त होता है। पूरी इमानदारी से सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे की लाठी कहे जाने वाले पेंशन में ही धोखा दे दिया शिक्षक बहुत ज्यादा परेशान है कि आगे अब क्या होगा?
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उत्तर प्रदेश में एनपीएस के तहत जीरो पेंशन-
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायण प्रसाद वर्मा 31 दिसंबर 2019 को रिटायर हुए थे वही ब्रह्म देव 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे। सातवें वेतन आयोग के आधार पर दोनों ही कर्मचारियों को 37585 रुपये अंतिम वेतन के रूप में प्राप्त हो रहा था।
13 वर्ष के सेवा के बाद भी सरकार द्वारा एनपीएस का समुचित क्रियान्वयन नहीं होने से सेवानिवृत्ति के बाद दोनों ही कर्मचारियों को कोई पेंशन नहीं मिल रहा और ना ही भविष्य में मिलने की कोई संभावना है। श्री नारायण न्यूरो प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं तो ब्रह्मादेव उच्च मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। दोनों ही कर्मचारी पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
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