nps के तहत कर्मचारी को जीरो पेंशन का एक और मामला आया सामने

shikshaklbnews- एनपीएस से जुड़ी एक और मामला सामने आया है ,जिसमें कर्मचारी को शून्य पेंशन निर्धारित हुआ है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट के समय कर्मचारी का अंतिम वेतन 37500 रुपये था। मामला तमकुही विकासखंड के ग्राम पंचायत बडरवाराजापाकड़ में स्थित गेंदा सिंह स्मारक लघु माध्यमिक विद्यालय के दो परिचरक क्रमशः श्री नारायण वर्मा व ब्रह्म देव प्रसाद का है।

केंद्र सरकार के द्वारा 1 अप्रैल 2004 व उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से सरकारी विभागों में सेवा करने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की जगह नई पेंशन व्यवस्था लागू किया गया है। आज से कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा एनपीएस को o.p.s. से बेहतर बताया गया था लेकिन हकीकत कुछ और है।

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शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं दोनों कर्मचारी-

प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायण प्रसाद वर्मा 31 दिसंबर 2019 को रिटायर हुए थे वही ब्रह्म देव 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे। सातवें वेतन आयोग के आधार पर दोनों ही कर्मचारियों को 37585 रुपये अंतिम वेतन के रूप में प्राप्त हो रहा था।

13 वर्ष के सेवा के बाद भी सरकार द्वारा एनपीएस का समुचित क्रियान्वयन नहीं होने से सेवानिवृत्ति के बाद दोनों ही कर्मचारियों को कोई पेंशन नहीं मिल रहा और ना ही भविष्य में मिलने की कोई संभावना है। श्री नारायण न्यूरो प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं तो ब्रह्मादेव उच्च मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। दोनों ही कर्मचारी पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ में भी एनपीएस के तहत जीरो पेंशन-

छत्तीसगढ़ में भी एनपीएस के तहत कर्मचारी को जीरो पेंशन  निर्धारित हुआ है। रिटायर्ड शिक्षक मिथिलेश पांडे का अंतिम वेतन ₹38786 था, उन्हें रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है जबकि 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन नियम 1976 के तहत अंतिम वेतन का 50% राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में प्राप्त होता है। पूरी इमानदारी से सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे की लाठी कहे जाने वाले पेंशन में ही धोखा दे दिया शिक्षक बहुत ज्यादा परेशान है कि आगे अब क्या होगा?

छत्तीसगढ़ में अब तक nps योजना के तहत अधिकतम 1800 रुपये पेंशन-

छत्तीसगढ़ में नवीन पेंशन योजना के अंतर्गत अभी तक जितने भी कर्मचारी रिटायर हुए हैं उनमें से एक को अधिकतम 1800 रुपये पेंशन निर्धारित हुआ है , इसके अतिरिक्त अभी तक नवीन पेंशन योजना के अंतर्गत जितने भी कर्मचारी रिटायर हुए हैं उनमें से किसी को 1200 रुपये तो किसी को 1171 रुपये तो किसी को 500 रुपये ही पेंशन निर्धारित हुआ है। हजार/पांच सौ रुपये में कैसे कोई अपना जीवन व्यतीत कर सकता है यह तो केवल एनपीएस धारी कर्मचारी ही अंदाजा लगा सकते हैं।

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NOPRUF ने कहा जब एक देश एक विधान तो पेंशन में भेदभाव क्यों -

नवीन पेंशन योजना द्वारा कर्मचारियों के ऊपर जो अत्याचार हो रहा है, उसको लेकर NOPRUF शासन पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब कहते हैं एक देश एक विधान तो फिर नेताओं के लिए पुरानी पेंशन व कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन व्यवस्था क्यों ?  राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि अब समझ में आने लगा है कि नवीन पेंशन बुढ़ापे का सहारा नहीं है। देश में अलग-अलग पेंशन योजना का विरोध जारी है, छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई हेतु सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी एकजुट हो चुके हैं।

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