इस सम्भाग में शिक्षकों का प्रमोशन सूची किया गया निरस्त

SHIKSHAKLBNEWS- सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला/ उच्च वर्ग शिक्षक तथा शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया में वरिष्ठता के संबंध में राज्य कार्यालय के स्पष्ट निर्देश बाद भी स्थानांतरण से आए हुए शिक्षकों को वरिष्ठ मानते हुए पदोन्नति दे दिया गया , अब गलत तरीके से वरिष्ठता निर्धारण के आधार पर पदोन्नत हुए लगभग 50 शिक्षकों का प्रमोशन स्कूल शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है।

मामला दुर्ग संभाग का है, कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग द्वारा दिनांक 28 फरवरी 2022 को जारी आदेश के अनुसार दिनांक 29 जनवरी 2022 के द्वारा शिक्षक एलबी (स्नातक एवं  प्रशिक्षित) ई संवर्ग से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला ई संवर्ग के पद पर पदोन्नति आदेश जारी किया गया है, पदोन्नति आदेश में शिक्षक एलबी (स्नातक एवं प्रशिक्षित) पद पर दिनांक 20 फरवरी 2006 सहायक शिक्षक एलबी पद पर नियुक्ति दिनांक 16 दिसंबर 1998 ,जन्म तिथि 6 नवंबर 1977 तक की वरिष्ठता वाले को पदोन्नति दी गई है।

कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग द्वारा लगभग 50 शिक्षकों का पदोन्नति आदेश निरस्त करते हुए कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त पदोन्नत शिक्षकों की वरिष्ठता नियोक्ता बदलने के कारण उपरोक्त दिनांक के बाद की होने के कारण उनसे संबंधित प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला पद पर पदोन्नत आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

कई शिक्षक पदोन्नत शाला में कर चुके हैं ज्वाइन-

कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्गा द्वारा जिन  शिक्षकों का पदोन्नति आदेश निरस्त किया गया है उनमें से कई शिक्षक ऐसे हैं जो पदोन्नति के पश्चात पदोन्नत शाला में ज्वाइन भी कर चुके हैं।

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 शिक्षकों में मचा हड़कंप-

राज्य कार्यालय द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कर दिया गया था कि जो शिक्षक स्वैच्छिक स्थानांतरण से आए हैं ,पदोन्नति प्रक्रिया में उनकी वरिष्ठता वर्तमान नियोक्ता में जोइनिंग तिथि से मान्य किया जाएगा। इसके बाद भी दुर्ग संभाग में स्थानांतरित शिक्षकों को वरिष्ठ एवं मानते हुए पदोन्नति दे दिया गया। अब पदोन्नति आदेश निरस्त करने से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

इधर पदोन्नति स्टे पर 10 मार्च को होना है सुनवाई-

प्रदेश में चल रहे शिक्षक पदोन्नति प्रक्रिया में वरिष्ठता निर्धारण को लेकर याचिका दायर किया गया है जिसकी सुनवाई 10 मार्च को होनी है। 21 फरवरी को माननीय हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए, पदोन्नति प्रक्रिया में स्टे 10 मई तक के लिए बढ़ा दिया है ।

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