shikshaklbnews- राजस्थान और झारखंड सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा के बाद एनपीएस कर्मचारियों में एक नई आस जगी है। चूंकि राजस्थान और झारखंड में कांग्रेस का सरकार है , इसलिए छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भरोसा है कि जब राजस्थान , झारखण्ड सरकार द्वारा ओपीएस बहाली की घोषणा कर दी गई है तो छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु मुहिम तेज कर दिया गया है इसी क्रम में मोर्चा द्वारा पीसीसी अध्यक्ष श्री मोहन मरकाम को पुरानी पेंशन बहाली हेतु दिनांक 4 मार्च 2022 को ज्ञापन सौंपा गया था।
पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा विज्ञापन के आधार पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अनुशंसा पत्र जारी कर कहा है कि 2004 के बाद वाली नियुक्ति में एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने हेतु अनुशंसा की जाती है।
पीसीसी अध्यक्ष ने अपनी अनुशंसा पत्र में यह कहा है-
छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन के आधार पर मरकाम ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने अनुशंसा पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ द्वारा पुरानी पेंशन के लिए ज्ञापन प्राप्त हुआ है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में अंशदायी पेंशन योजना लागू है, जिससे कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के पश्चात उनके परिवारों को पालन पोषण करने में परेशानियां हो रही है।
राजस्थान और झारखण्ड में कांग्रेस की सरकार है ,उनके द्वारा राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाली करने की घोषणा की गई है। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की जन्म घोषणा पत्र में यह उल्लेख है कि सीपीएफ पर विचार कर सन 2004 के पूर्व जो पुरानी पेंशन योजना थी उसे वापस लागू करने हेतु अनुशंसा की जाती है।
आगे पीसीसी अध्यक्ष ने लिखा है कि अनुशंसा के आधार पर कर्मचारी एवं उनके परिवारों के हितों को प्राथमिकता से छत्तीसगढ़ राज्य में नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने आपकी ओर सादर निवेदन है।
पुरानी पेंशन बहाली के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने ये कहा है -
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा है ,कि हम लगातार कर्मचारियों को देने का काम करते आ रहे हैं , कोरोना काल में भी हमने कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं किये हैं। प्रदेश में वित्तीय स्थिति का अध्ययन किया जाएगा उसके बाद ही जो संभव हो पाएगा करेंगे।
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