shikshaklbnews-लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ द्वारा प्रतियोगी परीक्षा तथा उच्च शिक्षा हेतु अनुमति के संबंध में प्राप्त आवेदन के आधार पर व्याख्याता तथा व्याख्याता एलबी का अनुमति आदेश जारी किया गया है। परंतु इसके साथ ही साथ लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है, कि उक्त परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले कर्मचारियों के कर्तव्य पालन में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होनी चाहिए|
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 8 अप्रैल 2022 को जारी आदेश में 70 व्याख्याता एल बी एवं व्याख्याता का नाम सम्मिलित है ,जिन्हें प्रतियोगी परीक्षा के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अनुमति दी गई है।
अध्ययन हेतु अवकाश की नहीं होगी स्वीकृति , परीक्षा हेतु अवकाश किया जाएगा स्वीकृत-
लोक शिक्षण संचनालय द्वारा व्याख्याता एलबी तथा व्याख्याता के परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में जारी अनुमति आदेश में स्पष्ट कर दिया गया है ,कि जिन कर्मचारियों को परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दी गई है, उन्हें अध्ययन हेतु कोई अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा, परंतु परीक्षा हेतु अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
इस सम्भाग में परीक्षा अनुमति के सम्बंध में पहले से है , कड़े निर्देश-
इससे पहले कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सरगुजा द्वारा 7 फरवरी 2022 को संभाग के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को कर्मचारियों के परीक्षा या शिक्षा संस्थान में प्रवेश लेने के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया गया था , जिसमें परीक्षा में सम्मिलित हेतु अनुमति के संबंध में कड़े प्रावधान किए गए है। जिसके तहत सम्भाग के अंतर्गत जो भी कर्मचारी प्रतियोंगी परीक्षा या उच्च शिक्षा हेतु परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं ,उन्हें आवेदन पत्र 30 जुलाई के पूर्व प्रस्तुत करना था | इसके अलावा शिक्षक संवर्ग के 20 % तथा कर्मचारी संवर्ग के 10 % आवेदन को ही अनुमति देने का प्रावधान किया गया है | वहीं सम्बन्धित सत्र में अनुत्तीर्ण हो जाने पर अनुमति नहीं मिलेगी |
👉अनुमति आदेश का पीडीऍफ़ डाउनलोड करें
इस कारण से आसानी से नहीं मिल रही परीक्षा में बैठने की अनुमति-
सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला/ शिक्षक तथा शिक्षक पूर्व माध्यमिक शाला से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया में डबल स्नातक का मामला पदोन्नति प्रक्रिया विलम्ब का प्रमुख एक कारण रहा है ,क्योंकि दो बार स्नातक को मान्य किया जाय या नही इस सम्बन्ध में उच्च कार्यालय से बार- बार मार्गदर्शन लेना पड़ा | शायद यही कारण है कि कर्मचारियों के परीक्षा में बैठने आसानी से अनुमति नहीं मिल रही है |
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