shikshaklbnews रायपुर- पुरानी पेंशन योजना बहाली से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है जिसके मुताबिक मुख्यमंत्री के घोषणा के उपरांत पुरानी पेंशन योजना लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाली का अध्ययन करने के लिए अफसरों की एक टीम भेजी गई थी , उन्होंने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। हालांकि पुरानी पेंशन योजना लागू करने में कुछ समय और लग सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरानी पेंशन योजना लागू करने मुख्यमंत्री की घोषणा के आधार पर राज्य सरकार ने एनएसडीएल मुंबई को सीपीएफ का अंशदान देना रोक दिया है। दरअसल छत्तीसगढ़ में राजस्थान की तर्ज पर पुरानी पेंशन लागू हो सकती है इसलिए राजस्थान नीति का अध्ययन करना आवश्यक था , जिसका अध्ययन करने के लिए अफसरों की एक टीम जयपुर गई थी | उन्होंने वापस आने के पश्चात सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
पुरानी पेंशन योजना लागू करने में लग सकता है एक-दो माह का समय-
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ से गए अधिकारियों की टीम द्वारा राजस्थान वित्त विभाग के अधिकारियों से पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में विस्तृत चर्चा किया गया। राजस्थान में काफी पहले से ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने का रोडमैप तैयार हो चुका था ,उसे ही नीति के रूप में जल्द गहलोत सरकार कैबिनेट से मंजूरी लेकर लागू करेगी। इस नीति का अध्ययन करने के बाद छत्तीसगढ़ अपनी नीति और नियम बनाएगी, इसलिए इसमें एक-दो माह का समय लग सकता है।
सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई बड़ा आर्थिक बोझ
एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त विभाग 2005 में सेवा में आए कर्मचारियों का पैमाना मानकर आकलन किया गया है, उसके मुताबिक पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से सरकार पर कोई बड़ा आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इसके उलट 2005 में सेवा में आए कर्मचारियों को पेंशन की देनदारी भी 30 से 35 साल बाद आएगी।
बचेगा एनएसडीएल का शेयर-
👉ops के सम्बन्ध में वित्त विभाग ने बैठक बुलाई click here
वित्त विभाग के 2005 में भर्ती हुए कर्मचारियों को मानक मानकर किए गए आकलन के अनुसार सरकार द्वारा एनएसडीएल कोई दिए जाने वाला शेयर भी बचेगा ,वही पेंशन की देनदारी भी तत्काल ना होकर 30 साल बाद वर्ष 2035 से होगी। तब तक पेंशन की यह राशि जीपीएफ में जमा होती रहेगी, जो कि एक तरह से सरकार के आय का बड़ा साधन भी होगा।
join our whatsapp groups -
0 Comments