shikshaklbnews -शिक्षक एलबी संवर्ग के शिक्षकों द्वारा शिक्षाकर्मी पद पर रहते हुए तथा शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद भी पूर्व पद का क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने की मांग लगातार की जा रही है । क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने के संबंध में कोर्ट में याचिका दायर किया गया था | कोर्ट द्वारा सरकार को क्रमोन्नत वेतनमान के संबंध में निर्णय लेने का आदेश भी दिया था परंतु सरकार में क्रमोन्नत वेतनमान को भुतलक्षी प्रभाव से समाप्त करने का हवाला देते हुए मामला खत्म कर दिया था।
इसके बाद भी प्रदेश में कुछ विकासखंड ऐसे हैं जहां आज भी क्रमोन्नत वेतनमान दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिलाईगढ़, मैनपुर, जैजैपुर ,कवर्धा ब्लॉक में क्रमोन्नत वेतनमान दिया जा रहा है। ताजा मामला जांजगीर जिले के जैजैपुर विकासखंड का है जहां 1998 के नियुक्ति वाले 40 शिक्षाकर्मियों को लगभग 2 साल से अधिक समय तक क्रमोन्नत वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है। हालांकि मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद भुगतान पर रोक लगा दिया गया है।
तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी और संबंधित बाबू जिम्मेदार-
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समयमान वेतनमान को भुतलक्षि प्रभाव से समाप्त करने के बाद भी 2 वर्षों तक क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान करने के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने के संबंध में तत्कालीन या वर्तमान beo के साथ संबंधित बाबू दोषी हो सकते हैं। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है, अब देखना होगा कि इस संबंध में उच्च कार्यालय द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।
प्रत्येक शिक्षक को 7-7 लाख से ज्यादा का भुगतान-
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक जे पी रथ ने टीम गठित कर जांच करवाने का आदेश दिए हैं। जांच में लगभग प्रत्येक शिक्षकों से 734000 रूपये की ज्यादा भुगतान होना पाया गया है अगर सभी शिक्षकों की राशि को जोड़ा जाए तो लगभग 3 करोड रुपए से अधिक भुगतान किया गया है।
एक-दो दिन में सभी शिक्षकों से की जाएगी वसूली- जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति बीएल खरे ने बताया कि क्रमोन्नत वेतनमान के नाम पर अधिक भुगतान होने की जानकारी मिली थी। क्रमोन्नत वेतनमान पाने वाले सभी शिक्षक शिक्षिकाओं की सर्विस बुक की गणना कराया गया है जांच अधिकारियों द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है एक-दो दिन में संबंधित शिक्षकों से वसूली की कार्यवाही की जाएगी।
इन शिक्षकों से होगी वसूली -
0 Comments