shikshaklbnews- कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 सालों से स्कूलों का संचालन सही तरीके से नहीं हो पाया था, जिसके कारण बच्चों का लर्निंग लॉस होने के साथ-साथ नियमित उपस्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है। असर सर्वे रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर काफी नीचे चला गया है।
असर सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के स्कूली बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता की जो स्थिति सामने आई है, उसे लेकर शासन प्रशासन के साथ-साथ पूरा शिक्षक समुदाय काफी ज्यादा चिंतित है , क्योंकि बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों कड़ी मेहनत करना होगा | शिक्षक संघठनों के अनुसार बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार करना उनकी जवाबदारी , परन्तु तरह -तरह के आदेश जारी होने और विभाग में चल रहे घटना क्रम के कारण स्वतंत्र रूप से अध्यापन कार्य नहीं करा पा रहे हैं |शासन द्वारा 16 जून से ही नियमित संचालन का आदेश जारी किया गया है परंतु शाला खुलने के साथ ही शिक्षक बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता से ज्यादा अन्य कार्यों के अधिकता के कारण मानसिक बोझ तले दबते जा रहे हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है ,कि जब से स्कूल खुलना शुरू हुआ है, तब वे स्वतंत्र रूप से अध्यापक कार्य जी नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि उच्च कार्यालय से लगातार आदेश जारी हो रहे हैं, जिसमें स्कूलों में गतिविधियों को लेकर लगातार बदलाव किया जा रहा है ,इसके साथ- साथ गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगा दी जाती है |
बच्चों के शैक्षिक गुणवत्ता से ज्यादा अन्य कार्यों पर फोकस-
राज्य/ जिला/ विकासखंड स्तर के कार्यालयों द्वारा जो भी आदेश जारी हो रहे हैं, बच्चों के स्तर सुधार से ज्यादा भौतिक संसाधनों /परिवेश/अन्य एक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में आदेश जारी हुआ है , जिसमें राज्य, संभाग, जिला,विकासखंड, संकुल स्तर के अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा, इस संबंध में जिला स्तर से जारी आदेश मे कहा गया है कि यदि स्कूलों कोई कमी या अनियमितता पाई जाती है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्वतंत्र रूप से पढ़ाई का अवसर ही नहीं, बढ़ता जा रहा मानसिक दबाव-
दिनांक 11 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें 18 जुलाई से 30 जुलाई 2022 तक राज्य, संभाग,जिला, विकासखंड, संकुल स्तर के अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण किया जाना है। इस आदेश के जारी होने के पश्चात शिक्षक संगठनों का कहना है कि किसी जिले में स्कूल खुलते ही पाठकान का फोटो विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का आदेश है तो किसी जिले में बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू किया गया है। इसके बाद भी 18 जुलाई से 30 जुलाई तक एक अभियान चलाया जा रहा है। शिक्षकों को स्कूलों स्वतंत्र रूप से अध्यापन कार्य नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों के दौरे से स्कूलों में स्थिति तो सुधार होती है परंतु उससे कहीं ज्यादा शिक्षक मानसिक दबाव में आ जाता है और अध्यापन कार्य छोड़ व्यवस्था सुधार में जुट जाता है |
👉निरिक्षण अभियान सम्बन्धी आदेश
16 जून से 15 जुलाई तक चल रहा विशेष निरिक्षण अभियान -
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शाला खुलते ही एक माह का विशेष निरिक्षण अभियान चलाया जा रहा है ,जिसमें 16 जून से 15 जुलाई 2022 तक राज्य ,संभाग ,जिला तथा विकास खंड स्तर के अधिकारी अपने प्रभार वाले जिले में 10-10 स्कूलों का निरिक्षण करेंगे ,वहीं संकुल स्तर के अधिकारी 5-5 स्कूलों का निरिक्षण करेंगे |
निरिक्षण अभियान अभी चल ही रहा है , वहीं स्कूल शिक्षा विभाग 18 जुलाई से पुनः निरिक्षण अभियान चलाने की तैयारी कर ली है ,इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है |
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