shikshaklbnews - दिनांक 2 जुलाई 2022 को आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला खूब खरी खोटी सुनाते नजर आये, उन्होंने कहा कि जिनके 80% बच्चे फेल हो रहे हैं क्यों ना उन्हें प्रमोशन के लिए अघोषित किया जाए, उसके सर्विस बुक में लिखा जाए कि यह अयोग्य है, इनको 10 साल तक कोई अवार्ड कोई प्रमोशन ना दिया जाए, शिक्षकों का काम पढ़ाना है,अगर आप अपना मूल कार्य नहीं कर रहे हो इसका मतलब है, आप अयोग्य हो अयोग्य व्यक्ति को क्यों प्रमोशन दिया जाए।
शिक्षा सचिव के इस बयान को सभी शिक्षक संगठनों ने आड़े हाथों लिया है। शिक्षक संगठनों ने कहा है कि शिक्षा गुणवत्ता के लिए केवल शिक्षकों को ही दोषी ठहराना सही नहीं हैं। इसके लिए कई कारण उत्तरदाई हैं जिस पर शासन को विचार करना चाहिए।
स्कूल खुलते ही गैर शिक्षकीय कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी -
शिक्षा सचिव डॉ आलोक शुक्ला जब शिक्षकों को गुणवत्ता को लेकर खरी-खोटी सुना रहे थे, उसके ठीक एक दिन पहले यानी 1 जुलाई 2022 को लगभग 16 शिक्षकों को जिला सीमाओं पर यात्रियों की जांच हेतु ड्यूटी लगा दी गई है, कार्यालय अनुविभागीय दंडाधिकारी भैरमगढ़ जिला बीजापुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोनावायरस में पुनः वृद्धि होने के दृष्टिगत बीजापुर जिला के सीमावर्ती बांगापाल नाका में यात्रियों की जांच हेतु कार्यरत मेडिकल टीम का सहयोग करने हेतु शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके पहले स्कूल खुलने के एक सप्ताह के अंदर ही रायपुर जिले में धरसीवा विकासखंड में बीएलओ कार्य में शिक्षकों के लिए भी लगाई गई है।
स्कूल है या प्रयोग शाला , योजनाओं /कार्यों की सूची -
1. शून्य निवेश नवाचार
2.बी एल ओ कार्य
3.शिक्षकों को बच्चों का जाति निवासी आय प्रमाण पत्र भी बनवाना है।
4.उसके बाद अंगना म शिक्षा कार्यक्रम
5.गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ कार्यक्रम
6.कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम
7.राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे
8.नवोदय परीक्षा की तैयारी
9.इंस्पायर अवार्ड
10.छात्रवृत्ति
11.रोजाना ऑनलाइन गूगल फॉर्म
13.नया खाता खुलवाना
14.रोजाना मध्यान्ह भोजन में मगजमारी
15.प्रत्येक बच्चों के आकलन की ऑनलाइन एंट्री
16.शाला प्रबंधन समिति की मीटिंग
17.माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम
18.एक पृथ्वी एक घर कार्यक्रम
19.बस्ता विहीन विद्यालय
20.सौ दिन सौ कहानियाँ कार्यक्रम
21.हस्तपुस्तिका निर्माण
22.बच्चों की पठन कौशल सहित अन्य प्रतियोगिताएं
23.शिक्षकों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ड्यूटी
24.खिलौना बनाना कार्यक्रम
25.विद्यार्थी विकास सूचकांक
26.अटल टिंकरिंग लैब
27.विभिन्न वेबिनार में जुड़ना
28.कोरोना टीकाकरण
29. कोरोना जांच में जिला सीमा पर ड्यूटी
30.निष्ठा कोर्स
31. pfms
32.गूगल फॉर्म भरना
33.DBT
34.आमाराईट
35. gp app
36. शाला सिद्धि
ऐसे ही लगभग 80 से 100 योजनाएं स्कूलों में संचालित हैं |
NGO की दखल से मुक्त रखने की मांग -
शिक्षक संगठनों का कहना है कि NGO के दखल का प्रभाव स्कूलों में बच्चों का स्तर पर पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों ने मांग किया है, कि उन्हें स्वतंत्र रूप से स्कूलों में अध्यापन कार्य कराने दिया जाय,इसके पश्चात भी यदि गुणवत्ता नहीं आती है, तब वे पूरी तरीके से दोषी हैं, फिर उनके ऊपर शासन जो भी कार्यवाही करेगी,इसके लिए वे तैयार हैं , परंतु स्कूलों में स्वयंसेवी संस्थाओं का दखल बंद हो |
वेल ट्रेंड टीचर फिर भी गुणवत्ता क्यों नहीं, शासन को विचार करने की जरूरत-
शिक्षक संगठनों के अनुसार वर्तमान में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया psc जैसे एग्जाम से कम नहीं है, क्योंकि TET, Ded/Bed, कंपटीशन एग्जाम फाइट करना पड़ता है, इस तरह एक के योग्य व्यक्ति ही शिक्षक बन पाता है , इतना सब चीज होने के बाद भी यदि स्कूलों में गुणवत्ता नहीं आ पा रहा है तो शासन को दूसरे पहलुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
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