बालवाड़ी संचालन कर्ता शिक्षकों को प्रतिमाह मिलेगा 500 रूपये

shikshaklbnews- बालवाड़ी में अध्यापन कार्य कराने वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी है | बालवाड़ी संचालन कर्ता शिक्षक को प्रबंधकीय मद से प्रतिमाह शासन की ओर से राशि दिए जायेंगे | बालवाड़ी सञ्चालन कर्ता शिक्षक को प्रतिमाह राशि देने की योजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है | अब इस सम्बन्ध में शीघ्र ही आदेश जारी हो सकता है |


छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में सत्र 2022-23 से आंगनबाड़ी केंद्रों में बालवाड़ी का संचालन किया जा रहा है , जिसमें 5-6 आयु वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 और 2 को पढ़ाने वाले शिक्षक द्वारा प्रतिदिन बालवाड़ी केंद्र में जाकर शाला पूर्व तैयारी के अंतर्गत अनौपचारिक शिक्षा दी जाती है। अब बालवाड़ी केंद्र में अध्यापन कराने वाले शिक्षक को प्रतिमाह मानदेय दिए जाएंगे |

छत्तीसगढ़ शासन ,स्कूल शिक्षा विभाग ,मंत्रालय, महानदी भवन ,अटल नगर, नया रायपुर द्वारा दिनांक 8 अगस्त 2022 को  प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा एकीकृत भवन पेंशन बाड़ा रायपुर छत्तीसगढ़ को जारी आदेश के अनुसार बालवाड़ी संचालन हेतु शिक्षकों को प्रतिमाह प्रबंधकीय मद से निर्धारित राशि दिया जाना है। 

बालवाड़ी संचालन करने वाले शिक्षकों को प्रतिमाह 500 रूपये-

जारी आदेश के अनुसार जो शिक्षक बालवाड़ी केंद्र में जाकर अध्यापन कार्य कराते हैं, उन्हें प्रतिमाह 500 रुपए दिया जाएगा। इस प्रकार कुल 10 महीने तक अर्थात शिक्षा सत्र 2022-23 के अंतिम तक प्रतिमाह 500-500 रूपये दिए जायेंगे |

बालवाड़ी संचालन कर्ता शिक्षकों को राशि दिए मद स्वीकृत -

स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार बालवाड़ी संचालन करने वाले शिक्षकों को प्रतिमाह 500 रुपए दिए जाने से प्रबंधकीय मद से लगभग 2,58,65000.000 रुपए वार्षिक व्यय भार संभावित है। जिसके लिए प्रशासकीय स्वीकृति भी मिल चूका है। यह राशि शिक्षकों को कब से मिलना शुरू होगा , क्या बैंक अकाउंट में राशि भेजी जाएगी ,आदेश जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा |

👉 राशि दिए जाने संबंधी आदेश यहाँ से डाउनलोड करें 👇

बालवाड़ी केन्द्रों संचालन में हो रही है  परेशानी -

राज्य कार्यालय द्वारा जारी बालवाड़ी की सूची में ऐसे भी आंगनबाड़ी केन्द्रों का नाम शामिल है ,जो शाला से बहुत दूर है ,ऐसे में जो शिक्षक बालवाड़ी में अध्यापन कार्य कराने जाते हैं ,उन्हें बारिस के मौसम में कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है | वहीं शिक्षक के बालवाड़ी चले जाने से स्कूली बच्चों को लर्निग लॉस हो रहा है |

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