shikshaklbnews-स्थानांतरण पर बैन हटाने के पीछे शासन का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को राहत प्रदान करना है, क्योंकि बहुत से कर्मचारी शारीरिक समस्या या पारिवारिक कारणों से ऐसे स्थानों पर जाना चाहते हैं जहां से वे अपने या घर के लोगों की देखभाल कर सकें, परंतु स्थानांतरण का उद्देश्य कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के बजाए उन्हें शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित करना हो चुका है।
मुंगेली जिला इस समय स्थानांतरण को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है,क्योंकि पूरे छत्तीसगढ़ में मुंगेली जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर स्वैच्छिक स्थानांतरण से ज्यादा प्रशासनिक स्थानांतरण किए गए हैं। कर्मचारियों को सजा के तौर पर 70 से 80 किलोमीटर दूर ट्रांसफर किया गया है। मुंगेली जिले में 103 शिक्षकों का जिला स्तरीय स्थानान्तरण सूची जारी किया गया है ,जिनमे से मात्र 29 शिक्षकों का स्थानान्तरण स्वैच्छिक आधार पर किया गया है ,जबकि 74 शिक्षकों का प्रशासनिक स्थानान्तरण किया गया है |
शिक्षक संगठनों के अनुसार मुंगेली जिले में स्थानान्तरण नीति को ताक पर रखकर ,शिक्षकों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से स्थानातरण सूची जारी किया गया है | क्योंकि स्थानांतरण में दिव्यांश शिक्षक, सीनियर शिक्षक, पति-पत्नी बेस किसी का भी ध्यान नहीं रखा गया है। शिक्षक संगठनों तथा पीड़ित शिक्षकों ने प्रभारी मंत्री के पास आपत्ति दर्ज कराये हैं।
दिव्यांग,पति-पत्नी बेस, सीनियर शिक्षकों का स्थानांतरण-
मुंगेली जिले में जारी जिला स्तरीय स्थानांतरण सूची में ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया है,जो 60 से 70 प्रतिशत दिव्यांग है । वहीं पति-पत्नी बेस का भी ध्यान नहीं रखा गया है। स्थानांतरण सूची में ज्यादातर ऐसे शिक्षकों का नाम शामिल है जिसका ना तो शिकायत है और ना ही किसी प्रकार की कोई बेस है,फिर भी जूनियर शिक्षकों को छोड़कर शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर सीनियर शिक्षकों का प्रशासनिक तबादला 60 से 70 किलोमीटर दूर कर दिया गया है, इनमें से कई शिक्षक अपने स्कूल में प्रभारी प्रधान पाठक का दायित्व भी निर्वहन कर रहे थे।
शिक्षक संगठनों तथा पीड़ित शिक्षकों ने प्रभारी मंत्री के पास लगाई गुहार -
दिव्यांग, सीनियर, और प्रभारी प्रधान पाठकों का 60 से 70 किलोमीटर दूर प्रशासनिक स्थानांतरण किए जाने पर शिक्षक संगठनों और पीड़ित शिक्षकों ने स्थानांतरण पर आपत्ति दर्ज करते हुए कलेक्टर, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के पास अपना आपत्ति दर्ज कराए हैं। वहीं प्रशासनिक स्थानातरण पर रोक लगाने प्रभारी मंत्री के पास गुहार लगायें है ,अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रभारी मंत्री द्वारा इस पर संज्ञान लिया जाता है या नहीं।
स्थानातरण सूची में एक माह पहले का दिनांक -
मुंगेली जिला प्रशासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में 10 अगस्त 2022 की तिथि अंकित है, जबकि 12 सितंबर 2022 को स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है और आदेश में 15 दिवस के अंदर स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश है। बड़े पैमाने पर शिक्षकों के प्रशासनिक तबादले और तिथि को लेकर प्रारंभ में शिक्षक इसे फर्जी स्थानांतरण आदेश समझ रहे थे।
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इस जिले में एक भी प्रशासनिक स्थानांतरण में नहीं -
अभी तक जितने भी जिले से स्थानांतरण सूची जारी हुआ है उनमें से जशपुर जिला ही मात्र एक ऐसा जिला है जहां पर किसी भी कर्मचारी / शिक्षक का प्रशासनिक स्थानांतरण नहीं किया गया है। जिसकी पूरे राज्य में प्रशंसा हो रही है।
कार्यालय कलेक्टर जिला जशपुर द्वारा दिनांक 08/09/2022 की स्थिति में जारी जिला स्थानान्तरण सूची में 34 शिक्षकों का नाम शामिल है ,जिनका या तो आपसी स्थानातरण किया गया है या स्वैच्छिक स्थानातरण किया गया है |
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कार्यालय कलेक्टर जिला जशपुर द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर अटल नगर का पत्र क्रमांक / एफ 2-77/2022/20-दो नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 18 अगस्त 2022 के परिपालन में शिक्षा विभाग के में कार्यरत निम्नांकित ई संवर्ग एवं टी संवर्ग )तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक / स्वैच्छिक स्थानांतरित करते हुए उनके नाम के सम्मुख दर्शित स्थान पर आगामी आदेश पर्यंत तक अस्थाई रूप से पदस्थ किया जाता है।
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