ops या nps किसका चयन करें.......तुलनात्मक पहलू

shikshaklbnews - छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई है, परंतु पीएफआरडीए द्वारा राज्य कर्मचारियों के एनपीएस योजना के अंतर्गत जमा राशि को लौटाने से इंकार करने के पश्चात राज्य शासन द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर कई कंडीशन लागू कर दिया गया है , जिससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है कि वे nps  में बने रहे या शपथ पत्र देकर पुरानी पेंशन का लाभ लें।

शिक्षक संगठनों द्वारा राज्य कार्यालय से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को लेकर जो विकल्प पत्र जमा करने का आदेश प्रसारित किया गया है , जिससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है, इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं, इसी संबंध में आज लगभग 2:00 बजे मंत्रालय में जाकर सभी संगठन प्रमुख अधिकारियों को ज्ञापन देंगे और चर्चा भी करेंगे।

सभी संगठनों ने रखा आपात बैठक-

ops या nps  किसका चयन करें, इसको लेकर विभिन्न संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है ,कि जब शासन पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर रही है तो उसमें फिर कंडीशन क्यों? संगठनों ने मांग किया है , कि शासन को बिना किसी नियम और शर्तों के पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करनी चाहिए,  क्योंकि कर्मचारियों को भरोसा था, कि जिस तरह 2004 के पहले वाली नियुक्ति में पुरानी पेंशन मिल रही है ठीक उसी तरह का पुरानी पेंशन उनके लिए भी लागू की जाएगी , परंतु नियम एवं शर्तें लागू करने से कर्मचारियों में हताशा नजर आ रहा है, जिसको लेकर सभी संगठनों द्वारा आज 10 फरवरी 2023 को रायपुर में आपात बैठक आयोजित किया गया है।

पुरानी पेंशन या नवीन पेंशन के चयन में  संशय को लेकर इस संभाग में जारी हुआ तुलनात्मक पत्र -

संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा दुर्ग एवं जिला कोषालय दुर्ग छत्तीसगढ़ द्वारा एक.pdf जारी किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन और नवीन पेंशन के बीच की तुलनात्मक पहलू को स्पष्ट किया गया है। हालांकि हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।

nps या ops  तुलनात्मक पहलू-

जीपीएफ-  पुरानी पेंशन व्यवस्था में जीपीएफ की सुविधा होती है जबकि एनपीएस में नहीं होती।

डीए - पुरानी पेंशन व्यवस्था में शासन द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले दिए पर बढ़ोतरी होती है जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं होता।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्त पर- स्वैच्छिक सेवानिवृत्त पर पुरानी पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत पूरी पेंशन का प्रावधान होता है जबकि  एनपीएस में कुल जमा का 20% नगद शेष 80% राशि का ब्याज पेंशन के रूप में दिया जाता है।

परिवार पेंशन का प्रावधान- यदि शासकीय सेवक का सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत परिवार पेंशन का प्रावधान होता है जबकि एनपीएस में परिवार पेंशन का प्रावधान नहीं है।

आंशिक निकासी- पुरानी पेंशन व्यवस्था में जीपीएफ से निकासी का प्रावधान है , जबकि एनपीएस में विशेष परिस्थिति में मात्र 3 बार सिर्फ 25% राशि को ही निकाला जा सकता है।

आयकर- सेवानिवृत्ति के बात पुरानी पेंशन व्यवस्था में आयकर देना नहीं पड़ता है ,जबकि नवीन पेंशन योजना में आयकर देना होता है।

ब्याज दर- पुरानी पेंशन व्यवस्था में राज्य सरकार के द्वारा समय-समय पर जारी आदेश के अनुसार ब्याज दर में बदलाव होता है, जबकि एनपीएस शेयर मार्केट आधारित पेंशन प्रणाली है इसलिए शेयर पर निर्भर होता है।

सेवाकाल में मृत्यु होने पर- पुरानी पेंशन व्यवस्था योजना के अंतर्गत सेवाकाल में मृत्यु होने पर पुरानी पेंशन की पात्रता होती है , जबकि एनपीएस में बीमा कंपनी द्वारा एन्युटी प्लान पर ही दिया जाता है।

👉ops या nps अधिक जानकारी के लिए तुलनात्मक पहलु का pdf  डाउनलोड करें 

ops या nps -

कर्मचारी nps में बने रहें या ops का चयन करें ,इसको लेकर कई कर्मचारी नेता सोशल मिडिया के माध्यम से जवाब दे चुके हैं ,जिसमें सभी का मानना है कि समय के साथ -साथ ops का कंडीशन जो राज्य शासन द्वारा लागू किया जा रहा है ,निश्चित ही बदलाव होगा ,इस लिए ops को चुनना ही बेहतर होगा | इसके अतिरिक्त पुरानी पेंशन योजना में परिवार पेंशन का का प्रावधान इस लिए ops को ही बेहतर बताया गया है |

स्थिति स्पष्ट करने जारी हो सकता है आदेश -

जिस तरह आज सभी संगठनों द्वारा मंत्रालय में ज्ञापन तथा इस सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करने अधिकारीयों से चर्चा करने की बात कही जा रही है ,जिसके आधार पर ops के सम्बन्ध में स्पष्ट आदेश जारी हो सकती है | 

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